आमतौर पर पेड़-पौधों की खेती पेड़ों की लकड़ी की गुणवत्ता व पौधों के औषधीय गुणों के कारण ही सफल है। पौधो की खेती की बात करें तो लॉन्ग पीपर ऐसा होता है जो कईलोग इसे पिप्पली भी कहते हैं। इसे उगाने के लिए अधिक जमीन की जरूरत नहीं है इसे तो घर के गमले में भी लगा सकते हैं। इसकी जड़े तो हजारों रुपए प्रति किलो बिक जाती है इसका फल भी अच्छे दामों में बिकता है । इस कारण यह लोगों को के लिए पैसे वाला पौधा कहा जाता है।
चार गमलो में ही 1 किलो तक इस फल से पौधे मिल जाते है
घर की गार्डिंग करने का शौक रखने वाले की खबर बहुत काम की है। घर की गार्डनिंग साथ कमाई भी कर सकते है। घर की सुंदरता बढ़ाने के साथ पर्यावरण को विश्वास रखने वाला लॉन्ग पीपर पौधा भारतीय मसालों में भी अपना खास स्थान रखता है। किसानों के लिए आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण है । चार गमलो में ही 1 किलो तक इस फल से पौधे मिल जाते है।
वनस्पति शास्त्र की जानकारी के अनुसार इस पौधे में प्रोटीन, एंटी-इंफ्लेमेटरी, वसा, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन्स, अमीनो एसिड के अलावा मिनरल्स भी मौजूद होते हैं, जो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। इस पौधे के फलों की तासीर गर्म होती है इसलिए इसका अधिक सेवन सेहत को नुकसान भी होता है। लॉन्ग पीपर का पौधा थोड़े से दिनों में बाद ही फल देने लगता है इसके लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ता यानी फटाफट कमाई शुरू हो जाती है।
गमले में गाने की 3 महीने बाद लॉन्ग पेपर का पौधा फल देने लगता है। एक पौधा करीब इतने दिनों बाद 25 फलों से लद जाता है। इसके बाद यह फल जल्दी पक जाते हैं।
लागत भी नाममात्र
लॉन्ग पीपर की खेती (Long pepper ki kheti) बिना जमीन के और बिना कृषि उपकरणों के घरों के बगीचे में भी आसानी से की जा सकती है। इस कारण यह पौधा बेहद कम लागत में कमाई ही कमाई देता है। लॉन्ग पीपर या पिप्पली तीखे स्वाद वाली आयुर्वेदिक औषधि भी है।