बैंगन की सब्जी की खेती करके किसान लम्बी अवधि तक कमाई कर सकते हैं। एक बाररोपाई कर देंगे तो लंबे समय तक इससे कमाई होगी। वही सर्दियों में जो किसान बैंगन की खेती करते हैं उन्हें अच्छी कीमत मिलती है लेकिन क्या लेकिन पाले से किसानों को अपनी फसल को बचाना पड़ता है जैसे कि अब ठंड पड़ने लगी है कोहरा और पाला पड़ने लगा है जिससे फसल को बचाने के लिए कुछ उपाय करने चाहिए। इसके अलावा बैगन की खेती में किसानों को रोग, बीमारी, फफूंद, कीट आदि की भी समस्या आती है तो चलिए इन समस्याओं के बारे में और उनके उपाय भी जानते हैं।
बैंगन की फसल में आने वाली चुनौतियां
सर्दियों में अगर किसान बैंगन की खेती करते हैं तो उन्हें कोहरे /पाले से फसल बचाने के लिए क्रॉप कवर और प्लास्टिक मल्च का इस्तेमाल करना चाहिए। इससे फसल सुरक्षित रहती है।
बैंगन की खेती में किसानों के खेत में पानी की निकासी का ध्यान रखने से पानी रुका फफूंद-रोग का खतरा हो सकता है। जिसमें कृषि एक्सपोर्ट का कहना है कि सर्दियों में नमि अधिक रहती है तो फफूंद और जीवाणु रोग आते हैं जिनके लिए दवा के रूप में दवा के रूप में बास्तियन और नेटिवो का इस्तेमाल कर सकते है। मात्रा की बात 1 लीटर पानी में एक एमएल डालें। इससे यह समस्या दूर होगी।
बैगन की फसल में आने वाली चुनौतियाँ
इसके आलावा बैंगन की फसल में उकठा रोग भी आ जाता है। जिसके लिए ट्राइकोडर्मा दवा डाल सकते है। मात्रा की बात करें तो 1 लीटर पानी में 10 से 12 ग्राम ही मिलाना है। इससे यह समस्या दूर होगी। इस रोग का समाधान जल्द से जल्द करना चाहिए नहीं तो पौधे सूख सकते है।
बैंगन में अगर छेंद हो तो ग्राहक नहीं खरीदेंगे। इस लिए किसानों को बैंगन में फल छेदक से बचकर रहना चाहिए। इस रोग की जानकारी मिलते है उपचार करना चाहिए। इसके लिए कीटनाशक का इस्तेमाल करें।
बैंगन की फसल में एक और समस्या देखने को मिलती है वो है पत्ते पीले होने की। इसका कारण नाइट्रोजन की कमी माना जाता है। जिसके लिए खाद दीजिये ताकि यह कमी पूरी हो। यह एक लंबी अवधि की फसल है। इसे बीच-बीच में खाद की जरूरत पड़ सकती है।