भारत सरकार के समक्ष EPS-95 पेंशन भोगियो की पेंशन में वृद्धि करना न केवल एक आर्थिक चुनौती है बल्कि यह नैतिक जिम्मेदारी है। ये पेंशनर्स ,जिन्होंने अपने जीवन की प्रमुख वर्षों में देश के विकास में योगदान दिया है अब समाज में सम्मान और गरिमा पूर्ण जीवन के हकदार है। पेंशन में वृद्धि पेंशनभोगियो की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने का माध्यम बन सकेगा। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने तो भी अपने फैसले में कहा कि पेंशर्स की गरिमा बनाए रखने के लिए समय पर पेंशन में वृद्धि करना जरूरी है।
अपने बच्चों पर निर्भर रहे बिना एक स्वतंत्र और गरिमामई में जीवन जीने का पूरा हक है
वरिष्ठ नागरिक हमारे समाज की धरोहर है और उन्हें अपने बच्चों पर निर्भर रहे बिना एक स्वतंत्र और गरिमामई में जीवन जीने का पूरा हक है। इनमें से कई पेंशनर्स उम्र और स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, और वे उचित और सम्मानजनक व्यवहार की अपेक्षा रखते है। न्यायालय के दिशा निर्देशों के बावजूद सरकार उनकी स्थिति में सुधार के लिए कोई ठोस कम नहीं उठा रही है।
जरूरी है कि आगामी बजट में विशेष प्रावधान किया जाए ताकि इन वरिष्ठ नागरिकों को आवश्यक राहत मिल सके। खुशहाल और स्वस्थ पेंशन योजना केवल अपनी सेवानिवृत्ति के बाद समाज के लिए मूल्यवान होते हैं ,बल्कि देश की संपत्ति भी है दुनिया के कई लोकतांत्रिक देश पेंशनर्स के कल्याण के लिए कई पहल करते हैं । लेकिन भारत में इस दिशा में दर काफी धीमी है यह समय है कि भारत सरकार भी इस मामले में ठोस कदम उठाये।
पेंशनर्स के कल्याण हेतु आवश्यक कदम
पेंशनर्स के जीवन स्तर को उन्नत करने के लिए सरकारी नीतियों में संशोधन और विशेष प्रावधानों की दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। इस वर्ष के बजट में पेंशनर्स के लिए आवंटित फंड को बढ़ाने का प्रस्ताव है, ताकि उन्हें आर्थिक रूप से अधिक स्थिरता प्रदान की जा सके।
उचित पेंशन निर्धारण
स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार
सामाजिक सुरक्षा का मजबूतीकरण