नई गाड़ी खरीदते समय हमारे शहर में कई चीजे चल रही होती है और कई सारे टर्म भी होते हैं जिनको लेकर हमें कंफ्यूजन होता है। जैसे कई बार आप सुनते होंगे कि यह गाड़ी 2 व्हील ड्राइव है या 4 व्हील ड्राइव सुनने को मिलते हैं हालाँकि फिर भी बहुत से लोगों को इसके बारे में नहीं पता होता है हम आपको इसी कन्फ्यूजन को दूर करने वाले हैं।
2 व्हील ड्राइव
2 व्हील ड्राइव में गाड़ी के इंजन से जो पावर सप्लाई होती है वह सिर्फ दो पहियों को जाती है यानी जितनी भी शक्ति गाड़ी का इंजन जनरेट करता है और वह दो पहियों को जाती है तो गाड़ी 2 व्हील ड्राइव यह पावर अगले पिछले पहियों में से कहीं भी जा सकती है निर्भर करता है की गाड़ी में आगे 2 व्हील ड्राइव सिस्टम है या पीछे सेडान गाड़ियों में अधिकतर टू व्हील ड्राइव सिस्टम देखने को मिलता है।
4 व्हील ड्राइव
4 व्हील ड्राइव जैसा नाम से स्पष्ट है कि ऐसी गाड़ियों में इंजन जो पावर उत्पन्न करता है वह वहां के सभी पहियों तक पहुंचती है नहीं आम तौर पर 4×4 के नाम से भी जाना जाता है। ऐसी गाड़ियां वे लोग लेना पसंद करते हैं जिन्हें ऑफ रोडिंग करने का शौक होता है। ये आम गाड़ियों की अपेक्षा का ज्यादा शक्तिशाली होती है। SUV गाड़ियों में 4 व्हील ड्राइव सिस्टम दिया जाता है क्योंकि उन्हें ऊबड़खाबड़ रास्तों के लिए बनाया जाता है। ऐसे में टू व्हील ड्राइव यहां ज्यादा कारगर साबित नहीं होगा।
ऑल व्हील ड्राइव
बहुत से लोगों को लगता है कि ऑल व्हील ड्राइव और 4 व्हील ड्राइव एक ही होता है। लेकिन असल में इनमें अंतर होता है जो व्हील ड्राइव का मतलब है कि जो पावर जेनरेट हो रही है। वह एक साथ सभी पहियों को भेजी जा रही है। वही 4 * 4 में कुछ अतिरिक्त फीचर्स मिलते हैं जो ऑल व्हील विल ड्राइव में नहीं मिलते हैं।
कौन सी गाड़ी खरीदे
अब सवाल है कि कौन सी गाड़ी खरीदी जाए तो इसका जवाब सीधा सा है आपको अपनी जरूरत के हिसाब से गाड़ी का चयन करना चाहिए। अगर आप ऑफ रोडिंग या ऊबड़खाबड़ रास्तों के लिए गाड़ी खरीद रहे हैं तो 4 * 4 ही बेस्ट है। अगर आप शहर के मतलब से कार खरीदना चाहते हैं और बजट भी कम है तो टू व्हील ड्राइव आपके लिए सही ऑप्शन हो सकता है।