Alcohol Policy 2025: झारखंड सरकार ने राज्य भर की खुदरा शराब दुकानों पर नियंत्रण को और पारदर्शी व प्रभावी बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। 1 जुलाई 2025 से राज्य की सभी शराब दुकानें प्लेसमेंट एजेंसियों की जगह सीधे उत्पाद विभाग के अधीन आ जाएंगी।
एक जुलाई से नई व्यवस्था होगी लागू
राज्य सरकार की नई व्यवस्था के तहत खुदरा शराब दुकानों के सभी कर्मचारी अब सीधे उत्पाद विभाग के नियंत्रण में काम करेंगे। इनके वेतन/मानदेय का भुगतान भी सरकार द्वारा किया जाएगा।
अब तक शराब दुकानों का संचालन प्लेसमेंट एजेंसियों के माध्यम से होता था।
लेकिन अब प्रत्येक कर्मचारी उत्पाद विभाग के अधीनस्थ पदाधिकारी जैसे सहायक उत्पाद आयुक्त और उत्पाद अधीक्षक के नियंत्रण में होंगे।
हर जिले में होगा स्टॉक और अकाउंट का मिलान
राज्य के सभी जिलों को निर्देश दिए गए हैं कि 30 जून तक हैंडओवर-टेकओवर की प्रक्रिया पूरी करें। इस प्रक्रिया में:
शराब दुकानों का स्टॉक मिलान किया जाएगा।
यह देखा जाएगा कि कितनी शराब बेची गई, कितनी बची है और कितनी राशि सरकारी खाते में जमा हुई।
इससे यह भी स्पष्ट होगा कि किस पर कितना बकाया है।
पूर्वी सिंहभूम बना मॉडल जिला
पूर्वी सिंहभूम जिला, जो इस प्रक्रिया को एक माह पहले ही लागू कर चुका है, अब राज्य के लिए मॉडल की तरह कार्य करेगा।
यहां 1 जून से ही सभी खुदरा दुकान कर्मी उत्पाद विभाग के अधीन कार्य कर रहे हैं।
अन्य जिलों को भी अब इसी तरह की व्यवस्था लागू करनी है।
सप्ताह भर में पूरी होनी है हैंडओवर-टेकओवर प्रक्रिया
सरकार की योजना है कि 1 जुलाई से लेकर एक सप्ताह के भीतर यह हैंडओवर-टेकओवर की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए ताकि:
सभी जिले पूरी तरह से नई व्यवस्था में आ जाएं।
शराब बिक्री और स्टॉक से जुड़े संभावित घोटालों पर नियंत्रण पाया जा सके।
शराब घोटालों का खुलासा हो सकता है
स्टॉक मिलान और बिक्री राशि की सटीक जांच से यह भी सामने आएगा कि अब तक शराब की कितनी हेरा-फेरी हुई है।
इससे कई छुपे हुए घोटाले उजागर होने की संभावनाएं हैं।
सरकार अब इस सिस्टम को डिजिटल निगरानी और रिपोर्टिंग के माध्यम से भी मजबूत करने की योजना बना रही है।
कर्मचारी अब विभागीय निगरानी में होंगे
जो कर्मचारी अब तक प्लेसमेंट एजेंसियों के तहत कार्यरत थे, उन्हें अब प्रतिदिन की बिक्री रिपोर्ट, कैश कलेक्शन और स्टॉक की जानकारी उत्पाद विभाग को देनी होगी।
कठोर कार्रवाई की चेतावनी
राज्य सरकार ने सभी जिलों को निर्देशित किया है कि स्टॉक और बिक्री में कोई गड़बड़ी या चूक पाए जाने पर संबंधित कर्मचारियों और अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।