पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि कक्षा नवमी व्रत रखा जाता है। इस दिन आंवला की पूजा की जाती है। इसे पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि कक्षा नवमी व्रत रखा जाता है इस दिन अवल की पूजा की जाती है इसे वाला में कुष्मांडा नवमी और धात्री नवमी के नाम से जाना जाता है इस बार अक्षर में 10 नवंबर 2020 रविवार को रखा जाएगा। यहां जानते है आंवला नवमी और पूजा का शुभ मुहूर्त पूजा विधि।
आंवला नवमी का व्रत 10 नवंबर 2016 को रखा जाएगा। इस दिन आंवला के पेड़ की पूजा की जाति और पेड़ पर धागा बांधकर परिक्रमा की जाती है । यह व्रत अक्षय तृतीया व्रत की तरह ही होता है लेकिन इसमें आंवले के पेड़ को प्राथमिकता दी जाती है। मान्यता है कि अक्षय नवमी व्रत से मनवांछित फल मिलता है। हिंदू पंचांग के अनुसार ,कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 10 नवंबर 2024 रविवार को रात्रि 11:45 बजे से प्रारंभ होगी तथा अगले दिन 10 नवंबर 2016 को रात्रि 9:00 बजे समाप्त होगी। उदयातिथि के अनुसार अक्षय नवमी व्रत 10 नवंबर को रखा जाएगा।
अक्षय नवमी 2024 व्रत शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त- 04:54 से 05:47
अभिजित मुहूर्त- 11:43 से 12:26
विजय मुहूर्त- 13:53 से 14:36
गोधूलि मुहूर्त- 17:29 से 17:56
अमृत काल- 02:52, नवम्बर 11 से 04:23, नवम्बर 11
निशिता मुहूर्त- 23:38 से 00:31, नवम्बर 11
रवि योग- 10:59 से 06:40, नवम्बर 11
राहुकाल- 16:08 से 17:29 इस दौरान कोई भी शुभ कार्य या मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है।
आंवला नवमी पूजा विधि
आंवला नवमी के दिन सुबह स्नान करके पूजा का संकल्प ले इसके बाद शुभ मुहूर्त में आंवले के पेड़ के पास पूर्व दिशा की ओर मुँह करके जल चढ़ाएं। पेड़ के 7 परिक्रमा करें धागा लपेटे फतेहाबाद पड़े व्रत कथा पढ़े या सुने। पेड़ के नीचे गरीबों का भोजन करवाए खुद भी करें मान्यता है की आंवले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता कहते हैं कि इस दिन पूजा करने से माँ लक्ष्मी से प्रसन्न हो जाती है और जीवन में खुशियां आती है।अक्षय नवमी के दिन के आंवले की पूजा करने से सभी पापो का नाशहोता है।
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