पूजा करने की कई तरह के नियम जुड़े हुए हैं। माना जाता है की पूजा में चढ़ाए जाने वाले भोग का भी विशेष महत्व होता है बहुत से लोग पूजा करते तो है लेकिन पूजा की भगवान के समक्ष चढ़ाई गई भोग को लेकर उलझन में रहते हैं की भोग को खाए या ना खाएं और अगर खाए तो किस तरह खाएं।
यहां जानिए भगवान को भोग लगाने से जुड़े नियम के बारे में और भगवान को लगाए गए भोग को खाने का सही नियम के बारे में।
मान्यता अनुसार पूजा करने के बाद भगवान को भोग लगाना चाहिए और इस भोग को तकरीबन 2 से 4 मिनट तक मंदिर में ही रखे। मंदिर में पर्दा लगाकर रखे और इस पर्दे से भगवान ढक दे 5 मिनट बाद इस भोग को को प्रसाद स्वरूप सभी को वितरित करने के लिए निकाल ले।
भोग लगाते समय इस बात का खास ध्यान रखें की वह कभी भी सीधा जमीन पर नहीं रखना चाहिए। वह हमेशा किसी तरह सतह पर या भगवान के समक्ष किसी बर्तन में ही रखना चाहिए। जब भी आप भोग लगे तो इस बात का ध्यान रखें कि भोग के साथ पानी में भी पानी भी मंदिर में रखें।
भगवान के समक्ष मंत्रो का उच्चारण करके भोग लगाना शुभ होता है
इस तरह भगवान के समक्ष मंत्रो का उच्चारण करके भोग लगाना शुभ होता है जो भगवान को भोग लगाया जा रहा है इसमें मिर्च या नमक नहीं डाला जाता है। अधिकतर मीठा भोग ही भगवान के समक्ष चढ़ाया जाता है और मीठा भोग का प्रसाद ही शुभ मानते हैं।
यह ध्यान रखना जरूरी है कि भोग को भगवान के समक्ष घंटो तक न रखें। भगवान के समक्ष रखा भोग कुछ देर बाद हटा लेना चाहिए।लम्बे समय तक भोग को देवी देवता की समक्ष रखना अच्छा नहीं मानते हैं।