क्या आप जानते है की एक बार गंगा ने अर्जुन को श्राप दिया था और उसकी मौत पर हंसने लगी थी। महाभारत के अनुसार ,अर्जुन भी एक बार मृत्यु को प्राप्त हुआ था तो उसकी मौत से भीष्म पितामह की माँ गंगा प्रसन्न हुई थी। महाभारत के धर्म युद्ध को जीतने के लिए जिन योद्धाओं को मारना बेहद आवश्यकता उनमें से एक योद्धा थे भीष्म पितामह।
भीष्म पितामह पर बाणो बरसात कर दी
अर्जुन ने बाण उठाया और उसने भीष्म पितामह पर बाणो बरसात कर दी। भीष्म बाणो की सेय्या पर लेटे थे। अपने पुत्र के दुर्गति देख उनकी माता गंगा को बहुत क्रोध आया। ऐसे में माँ गंगा भूमि प्रकट हुई उन्होंने अर्जुन को श्राप दे दिया। गंगा ने कहा कि अर्जुन की मौत उसके अपने ही पुत्र के हाथों होगी।
पुत्र बब्रुवाहन के हाथों में अर्जुन की मौत पर मां गंगा जोर जोर से हंसने लगी
कुछ समय बाद अर्जुन की मृत्यु उसके ही एक पुत्र बब्रुवाहन के हाथों में अर्जुन की मौत पर मां गंगा जोर जोर से हंसने लगी। कथा के अनुसार मां गंगा ने अर्जुन के बेटे बब्रुवाहन को इस तरह से भ्रमित किया कि उसने गुस्से में आकर अपने पिता का सिर काट दिया। लेकिन अर्जुन की एक पत्नी ने अपनी शक्ति द्वारा और श्री कृष्ण की मदद से अर्जुन को पुनः जीवित कर दिया था।
अर्जुन के पुत्र बब्रुवाहन को मां गंगा की माया से मुक्त भी किया था
इसके साथ उन्होंने अर्जुन के पुत्र बब्रुवाहन को मां गंगा की माया से मुक्त भी किया था। श्री कृष्ण ने क्रोधित होकर मां गंगा को भी समझाया कि युद्ध भूमि पर भीष्म की मृत्यु होना धर्म की रक्षा के लिए ही बहुत जरूरी था। भगवान कृष्ण की बात सुनकर ही माता गंगा शांत हुई थी।