आखिर पीएम मोदी ने गंगा सप्तमी के पुष्य नक्षत्र में ही क्यों भरा अपना नामांकन ,यहां जाने क्या है ज्योतिष में इसका महत्व

Saroj kanwar
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पंचांग के अनुसार हर सालबैशाख महीने की शुक्ल पक्ष तिथि को गंगा सप्तमी मनाई गयी। इस दिन गंगा को पूरी विधि विधान से पूजा की जाती है साथ ही इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है। इस साल 14 मई के दिन गंगा सप्तमी में मनाई गई। गंगा सप्तमी के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी पर नामांकन भरा। गंगा सप्तमी का नामांकन दाखिल करने से पहले पीएम मोदी ने गंगा के तट पर जाकर मां गंगा की पूजा की है इसकी पश्चात वह बाबा काल भैरव की पूजा करने के लिए गए।

बाबा काल भैरव की पूजा करने और काल भैरव का आशीर्वाद लेकर अपना नामांकन भरा

बाबा काल भैरव की पूजा करने और काल भैरव का आशीर्वाद लेकर अपना नामांकन भरा। सूत्रों के अनुसार 14 में की सुबह 11:40 पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना नामंकर भरा।
लेकिन सभी लोगो के मन में ये सवाल है की आखिर इस समय में क्यों पीएम मोदी ने नामांकन भरा।

गंगा सप्तमी के दिन पुष्य नक्षत्र का योग है

पंडित शिवकुमार शास्त्री के अनुसार , गंगा सप्तमी के दिन पुष्य नक्षत्र का योग है। ज्योतिष के मुताबिक पुष्य नक्षत्र को नक्षत्र का सर्वोत्तम माना जाता है । पुष्य नक्षत्र के स्वामी बृहस्पति होते हैं और पुष्य नक्षत्र कर्क राशि में आता है । वही कर्क राशि के स्वामी चंद्रमा है। चंद्रमा और बृहस्पति के योग में गजकेसरी योग का निर्माण होता है। इसके चलते ज्योतिष आईने में सप्तमी तिथि ,मंगलवार को दिन पुष्य नक्षत्र ,गज केसरी योग के निर्माण से राजाओं को विजय प्राप्त करने का शुभ मुहूर्त बनता है। इसलिए शुभ मुहूर्त में नामांकन भरनाज्योतिषी आईने से काफी शुभ है।

शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि की शुरुआत 13 मई शाम 5:20 पर हो हो गई थी

बैशाख मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि की शुरुआत 13 मई शाम 5:20 पर हो हो गई थी और इस तिथि का समापन अगले दिन 24 मई मंगलवार शाम 6:49 पर हुआ। उदया को देखते हुए गंगा सप्तमी में 14 मई के दिन ही मनाई गई और इसी दिन स्नान करना शुभ माना गया।

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