प्राचीन दौर में बहुत सारे राजा महाराजा हुआ करते थे। उसमें बड़ी संख्या में दासियो का होना एक आम बात है। दासियो की उपस्थिति और उनकी भूमिका राज दरबार और महलों की व्यवस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण थी। यहां यह जानते हैं की उस समय दासियो की क्या भूमिका है। क्यों उन्हें रानी और राजकुमारी की सेवाओं के लिए नियुक्त किया जाता था । प्राचीन काल में दासियो की आवश्यकता इसलिए पड़ती थी क्योंकि पूरे साम्राज्य व्यवस्था का क्रियान्वयन करने के लिए जनशक्ति की काफी ज्यादा आवश्यकता होती थी।
दासिया महल की साज -सज्जा सफाई देखभाल आदि कामों के लिए नियुक्त किया जाती थी
दासिया महल की साज -सज्जा सफाई देखभाल आदि कामों के लिए नियुक्त किया जाती थी। रानी और राजकुमारी को हर तरह की सुविधा महलों में ही मिलती थी और उनके साथ ही उनके साथ सहायता के लिए राशियों की नियुक्ति की जाती थी। दासियो का कार्य केवल महल की साज सज्जा कि सीमित नहीं था।
वे रानी और राजकुमारी की व्यक्तिगत सेवाएं भी करती थी। इनमें रानियां की देखभाल उनके वस्त्रो की सफाई ,उनके आभूषणों की देखभाल उनके व्यक्तिगत अवस्थाओं की पूर्ति शामिल थी। दासियां रानियों के दैनिक जीवन का अभिन्न हिस्सा थीं और उनकी हर छोटी-बड़ी जरूरत का ध्यान रखती थीं।
प्राचीन काल में राजा महाराजा अपनी बेटी की शादी के समय सुंदर और निपुण दासियो को उपहार स्वरूप भेजते थे। ये दासियाँ राजकुमारी के साथ जाकर उसकी सेवा करती थी और उसे नए परिवार में समायोजित होने में मदद करती थी। प्राचीन काल में राजा महाराजा अपनी बेटी के साथ शादी के सुंदर और निपुण दसिया भेजते थे। यह प्रथा सुनिश्चित करती थी राजकुमारी को अपने नए घर में हर संपूर्ण सुविधा और सहारा मिले।
शासन के कार्यों की जानकारी
दासियो को एक और महत्वपूर्ण कार्य था राजकुमारियों का शासन के कार्यों में संबंधित जानकारी देना। वे राजकुमारियों को राजकाज के बारे में अवगत कराती थी और उन्हें शासन के लिए तैयार करटी थी।इस प्रकार, दासियां न केवल सेविका थीं बल्कि शिक्षिका और मार्गदर्शिका भी थीं। दासियो को आजीवन अविवाहित रहना होता है उनका प्रमुख धर्म महारानी और उनके पुत्रों की रक्षा करना होता था। वह हमेशा अपने कर्तव्यों प्रति समर्पित रहती थी और अपने स्वामी की प्रतिपूर्ण निष्ठा रखती थी इस प्रकार दासिया महल की सुरक्षा व्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा है।