8 अप्रैल को इस साल का पहला सूर्य ग्रहण लगा है। इसी के साथ इस ग्रहण को लेकर लोगों में खासा उत्साह भी रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि नासा किया मुताबिक , इस तरीके की खगोलीय घटना पृथ्वी पर बहुत कम घटित हुयी है। ऐसा दृश्य दोबारा 2026 तक देखने को नहीं मिलेगा।
दूसरी और ग्रहण को पहले ही सख्त हिदायत दी गयी थी
वहीँ दूसरी और ग्रहण को पहले ही सख्त हिदायत दी गयी थी लेकिन ग्रहण के बाद से हर कोई गूगल से सवाल कर रहा है कि मेरी आंखों में तकलीफ क्यों हो रही है। गूगल सर्च पर why do my eyes hurt” और “my eyes hurt जैसे सवालों की बाढ़ सी आ गई है। सर्च में ग्रहण के बाद से हर कोई इसी सवाल को पूछ रहा है।
दरअसल पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है तो यह एक दुर्लभ और खगोलीय घटना होती है । सलाह दी जाती है कि इस दौरान सूरज को सीधा आंखों से ना देखा जाए। अगर कोई सूरज को अपनी आंखों से देखने की कोशिश करता है और आंखों को नुकसान पहुंच सकता है।
सूरज को इस तरह देखने से धुंधली नजर , सर दर्द ,रंग देखने में तरीके में परिवर्तन या डिस्क्रोमैटोप्सिया विकृत दृष्टि जैसी सीधी रेखा मुड़ी हुयी दिखाई देना ,सेंट्रल विजन में एक ब्लाइंड स्पॉट ,लाइट के लिए सेंसिटिविटी जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं।
जब सूर्य आंशिक रूप से पूरी तरह से चंद्रमा की वजह से छुप जाता है
पूर्ण ग्रहण के दौरान में जब सूर्य आंशिक रूप से पूरी तरह से चंद्रमा की वजह से छुप जाता है। तब भी सूर्य की किरणें बहुत तेज और आंखों को नुकसान पहुंचाने वाली हो सकती है। थोड़े समय के लिए भी सीधे सूर्य को देखने से सोलर रेटिनोपैथी नामक स्थिति हो सकती है। यह वह स्थिति होती है जब सूर्य की पारा बैंगनी करनी रेटिना को नुकसान पहुंचाती है।