साल 1936 में 1 अप्रैल के दिन उड़ीसा को एक अलग राज्य के रूप में मान्यता दी गई थी जिसके बाद से हर साल इस दिन उड़ीसा दिवस या उत्कल दिवस के रूप में मनाया जाता है। उड़ीसा का नाम 2011 में बदल ‘ओडिसा ‘ कर दिया था। तरह तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन इस दिन का जश्न मनाया जाता है । वैसे उओडिसा अपने समुद्री तटों, खान-पान और संस्कृति के लिए जाना जाता है। लेकिन यहां और भी कुछ अलग है एक्सप्लोर करने के लिए।
अगर आपको एडवेंचर पसंद है या नेचर के साथ वक्त बिताना पसंद करते हैं तो यहां ऐसे ठिकानों की कोई कमी नहीं है। लेकिन आज हम आपके यहां के ऐसे हिल स्टेशन के सैर पर ले चलेंगे जिसकी खूबसूरती बेमिसाल है। इसका नाम है दरिंगबाड़ी।
दरिंगबाड़ी
दरिंगबाड़ी ओडिसा के कंधमाल जिले में बसा है। देवदार के घने जंगलों से घिरी यह जगह बेहद खूबसूरत है। माना जाता है की ‘डेरिंग’ नाम के एक ब्रिटिश अधिकारी की नजर सबसे पहले इस जगह पर पड़ी थी और उसी के नाम पर इसका नाम डेरिंग बाड़ी रखा गया जो बाद में बदलकर दरिंगबाड़ी हो गया। इस जगह अंग्रेज गर्मियों की छुट्टियां बिताने आई थी। दरिंगबाड़ी में लोगों की भीड़ कम ही देखने को मिलती है। यह हिल स्टेशन पहाड़ियों के बीचों बीच है। इस वजह से यहां का मौसम काफी सुहावना रहता है।
दरिंगबाड़ी पहुंचने का रास्ता भी काफी शानदार है। रास्ते में आपको कोफ़ी और मसाले के बागान देखने को मिलेंगे। इसी वजह से इस जगह को उड़ीसा का कश्मीर भी कहते हैं।
दरिंगबाड़ी में घूमने की जगह
बेलघर अभ्यारण्य
दरिंगबाड़ी में बलघर अभ्यारण्य लोगों को जरूर पसंद आएगी जो नेचर और जानवरों से प्यार करते हैं कई तरह के जंगली जानवरों के साथ यहां हाथी भी देख सकते है।
वॉटरफॉल
दरिंगबाड़ी में प्राकृतिक नजारे ज्यादा देखने को मिलेंगे। यहां आए तो मदुबंडा और बादंगिया झरना भी देखने वाली अच्छी जगह है। कई प्रकार के पेड़ों -फूलों से भरी हुई है। यह जगह जहां आप शांति से कुछ वक्त बिता सकते हैं।
लवर्स पॉइंट
लवर्स पॉइंट नाम से ही क्लियर हो रहा है लेकिन यहां के आसपास पहले हरियाली खूबसूरती मन को लुभाने वाली है। दरिंगबाड़ी आने का प्लान आप कभी भी कर सकते हैं। लेकिन हिल स्टेशन घूमने का असली मजा गर्मियों में ही होता है। सर्दियों में घूमने मुश्किल हो सकता है और मानसून भी खतरनाक होता है।