किसान खेती के साथ पशुपालन करके अपनी आय को बढ़ा सकते हैं इसके लिए किसानों को सरकार की ओर से प्रोत्साहित किया जा रहा है। खासकर छोटे किसान खेती के साथ ही बकरी पालन करके अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकते हैं। ग्रामीण इलाकों में बकरी पालन पुराने समय से किया जाता रहा है लेकिन अब लोग इस बिजनेस के रूप में करने लगे हैं।
ऐसे में किसान बकरी पालन करके बेहतर कमाई कर सकता है। खास बात यह है कि बकरी पालन के लिए सरकार की ओर से किसानों को सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है। बकरी की कई नस्ल है जो काफी अच्छा उत्पादन कर देती है इनमें से एक ऐसी नस्ल है जो दूध और मांस दोनों के लिए काफी अच्छी मानी जाती इस किस्म को काफी पाला जाता है।
तीन तरीके से पशु पालक किसानों को लाखों की कमाई कर सकती है
बकरी की ये नस्ल एक नहीं तीन तरीके से पशु पालक किसानों को लाखों की कमाई कर सकती है। इस बकरी की नस्ल का नाम ‘जखराना’ है। जखराना बकरी की विशेषता झखराना नस्ल की बकरी मुख्य रूप से पूर्वी राजस्थान ,उत्तर पश्चिमी शुष्क अर्ध शुष्क जलवायु क्षेत्र में पाई जाती है ये नस्ल अलवर जिले के गांव जखराना गांव की मानी जाती है। इसलिए इसका नाम जखराना पड़ा है। यह अलवर के साथ ही हरियाणा क्षेत्र में पाई जाती है। यह बकरी बड़े आकार की होती हैइसकी त्वचा का रंग काला होता है। इसका मुंह पतला व सिर बराबर होता है। ये बीटल नस्ल की बकरी से मिलती-जुलती नस्ल होती है। इस बकरी से दूध और मांस दोनों प्राप्त किया जा सकता है। इस नस्ल की बकरियां दूध व बकरी मांस के लिए बेचे जाते हैं। जखराना बकरी अधिक दूध देने वाली बकरी है।
बकरी की नस्ल प्रतिदिन ढाई से 3 किलोग्राम तक दूध दे सकती है
बकरी की नस्ल प्रतिदिन ढाई से 3 किलोग्राम तक दूध दे सकती है। अधिक दूध देने के कारण अलवर ही नहीं हरियाणा की सटे जिलों के गांव में भी से पाला जाता है। अब तो अन्य राज्य के लोग भी नस्ल की बकरी पालन लगे ताकि अधिक दूध का उत्पादन कर अधिक लाभ कमा सके। बकरी की कीमत उसकी नस्ल वजन और उम्र पर निर्भर करती है। ‘जखराना’ बकरी की कीमत भी इसी आधार पर होती है। एक स्वस्थ झखराना बकरी की कीमत 10000 से 15000 रुपए तक होती है। इस बकरी के पालन के लिए सबसे पहले उचित जगह का चुनाव करना चाहिए। इसके लिए आप गांव या पहाड़ी के किनारे वाले स्थान पर इसका पालन कर सकते हैं। यदि आप चाहे तो इस नस्ल की बकरियों का फॉर्म भी रख सकते हैं। यह बकरी गर्म इलाकों में भी रह सकती है। ऐसे में बहुत ज्यादा ठंडी जगह पर इन्हे नहीं रखना चाहिए।
आप चाहे तो इस बकरी को अपने घर में पाल सकते हैं। इन बकरियों का चारा अभी अन्य बकरियों की तरह होता है। इस नस्ल की बकरी भी भूसा, घास, बेर की झाड़ियां आदि खाना पसंद करती है।
इस नस्ल से होती तीन तरह से कमाई
यह बकरी की एक ऐसी नस्ल है जो तीन तरह से फायदा होती है इसलिए इसकी मांग बाजार में बनी रहती है। बकरी की जखराना नल वस्तु दो तीन बच्चे देने की क्षमता के कारण अधिक मांग में रहती है। इस नस्ल के बकरा बकरी का वजन 25 से 30 किलोग्राम होता है यह बकरी 90 दिन में 172 लीटर तक दूधदेती है।