आचार्यचाणक्य न केवल प्राचीन भारत के महान विद्वान औरर्थशास्त्री थे। बल्कि उन्होंने समाज और जीवन से जुड़ी कई गहरी बातें भी बताई है। बल्कि उन्हें समाज और जीवन से जुडी कई गहरी बाते भी बताई है उनकी बताई गयी चाणक्य निति उतनी ही प्रसंगिक है जितनी हजारों साल पहले थी। चाणक्य ने अपने ग्रंथ में महिलाओं केके उन गुणों का उल्लेख किया है जो उन्हें न सिर्फ परिवार और समाज में मजबूत स्थान दिलाते है बल्कि जीवन की हर क्षेत्र में उन्हें सफल भी बनाते है।
महिलाएं होती है साहसी और निडर
चाणक्य नीति के अनुसार ,महिलाओं में पुरुषों से अधिक साहस और इच्छा शक्ति होती है । जीवन में जब कठिन समय आता है तो महिलाएं धैर्य सहस के साथ उस स्थिति का सामना करती है। संकट या आपातकाल में महिलाएं हार मैंने की बजाय अपने अंदर की शक्ति की पहचान कर उसे पूरी तरह से उपयोग में लाती है। यही वजह है कि चाणक्य ने साहस और निडरता की प्रतिमूर्ति माना है।
घर हो या बाहर महिलाएं कैसे कई बार ऐसे काम कर जाती है जिन्हें देखकर पुरुष भी चौंक जाते हैं। यही कारण है की समाज में महिलाओं को एक विशेष सम्मान और आदर की दृष्टि से देखा जाता है।
समझदारी और विवेकशीलता में भी आगे महिलाएं
चाणक्य ने कहा महिलाएं बहुत समझदार होती है। वे ना सिर्फ अपने परिवार और बच्चों की भविष्य के लिएदूरदर्शी निर्णय लेती हैं बल्कि कठिन परिस्थितियों में भी विवेक से काम लेती है ,जब पुरुष किसी समस्या का हल नहीं ढूंढ पाते तब महिला अपनी सूझबूझ तार्किक सोच से उस समस्या का समाधान निकाल लेती है।
चाणक्य नीति में बताया गया कि महिलाएं जटिल हालत में भी संयम बनाये रखती है और धैर्य से सही निर्णय लेती है। यही गुण उन्हें घर समाज और कार्यस्थल पर एक मजबूत स्तंभ बनाते हैं।
दयालु और भावनात्मक रूप से मजबूत होती है महिला
आचार्य चाणक्य ने ये भी कहा कि महिलाएं स्वभाव से बहुत दयालु और करुणा मई होती है। वह छोटी-छोटी बातों में भी गहरी संवेदना रखती हो दूसरों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहती है। चाणक्य के अनुसार ,महिलाओं का यह गुण पुरुषों से अलग और विशिष्ट बनाता है। दयालु स्वभाव के साथ-साथ महिलाएं भावनात्मक रूप से मजबूत होती है। वह कठिन से कठिन परिस्थितियों में अपने परिवार और प्रिय जनों के लिए ढाल बनकर खड़ी रहती है। यह भावुकता ही उनकी सबसे बड़ी ताकत है जो रिश्तों में गहराई और अपनापन लाती है।