बीते दिनों हुई बारिश व ओलावृष्टि के कारन जगह से फसल नुकसान की समाचार आये। मुख्य रूप से हरियाणा में बारिश व ओलावृष्टि से फसलों के नुकसान की बात सामने आयी। ऐसे में किसानों की समस्या को ध्यान में रखते हुए राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किसानों की फसल नुकसान भरपाई के लिए प्रभावित क्षेत्र में विशेष सर्वे जिसे गिरदावरी भी कहा जाता है कराने के आदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ,किसानों की फसलों को ही नुकसान की भरपाई की जाएगी। इसके लिए विशेष गिरदावरी करके खराब हुई फसल का आंकलन कर उचित मुआवजा दिया जाएगा।
तेज बारिश और ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसल के लिए प्रदेश पर स्पेशल गिरदावरी की जाएगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि तेज बारिश और ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसल के लिए प्रदेश पर स्पेशल गिरदावरी की जाएगी। इसके बाद सभी जिलों से मिलने वाली रिपोर्ट के आधार पर किसानों को जल्द मुआवजा राशि जारी की जाएगी। ऐसे में किसान फसल की जानकारी दर्ज करवा कर विशेष गिरदावरी करवा कर मुआवजा प्राप्त कर सकते हैं। हरियाणा में ओलावृष्टि को फसल से हुए नुकसान के सटीक आंकलन के लिए प्रदेश में 1 फरवरी से गिरदावरी का काम शुरू कर दिया गया है जो 1 मार्च तक जारी रहेगा। ओलावृष्टि से फसल को हुए नुकसान की रिपोर्ट तैयार करने के लिए सभी जिला भारत प्रशासन को निर्देशन दे दिए गए हैं। प्रदेश के किसान फसल में यह नुकसान की रिपोर्ट राजस्व विभाग की मुआवजा पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं।
किसानो की फसलों में हुए नुकसान का जायजा लिया
पिछले दिनों भिवानी जिले के दौरे के दौरान मुख्यमंत्री खट्टर ,कृषि या किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल के साथ तिगड़ाना गांव पहुंचे और वह किसानो की फसलों में हुए नुकसान का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने किसानों से बातचीत भी की। उन्होंने किसानों से कहा कि किसान ‘मेरी फसलमेरा ब्यौरा पोर्टल पर आवश्यक रूप से पंजीकरण कराये ताकि क्षतिपूर्ति पोर्टल पर भी अपनी फसल में हुए नुकसान की जानकारी अपलोड करती हुई विशेष गिरदावरी के अनुसार मुआवजा प्राप्त कर सके। उन्होंने विश्वास दिलाया कि राज्य सरकार किसानों के साथ है। इस दौरान उन्होंने गांव धनाना स्थित अनाज खरीद के लिए बने यार्ड का भी निरीक्षण किया।
राजस्व रिकॉर्ड को 31 मार्च तक डिजिटल कर दिया जाएगा
इससे पूर्व हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि साल 2019 से 2024 तक फसल नुकसान के मुआवजे के रूप में प्रदेश के किसानों के खाते में 1600 करोड रुपए जमा किए गए हैं। उन्होंने राजस्वडिजिटलीकरण के संबंध में कहा कि , प्रदेश सरकार ने इसकी एक साल से अधिक समय पहले शुरुआत की थी। राजस्व विभाग के लिए जिला स्तर पर डिजिटल रिकॉर्ड रूम बनाने का प्रयासों किया जा रहा है।उप मुख्यमंत्री चौटाला ने कहा कि वित्तीय आयुक्त राजस्व तहसील और उप तहसील कार्यालय के राजस्व रिकॉर्ड को 31 मार्च तक डिजिटल कर दिया जाएगा। इसके बाद लोग अपनी जमीन और राजस्व संबंधी दस्तावेजों को इस लिंक पर केवल सिंगल क्लिक के जरिये ऑनलाइन प्राप्त कर सकेंगे।
पुराने लिखित कार्य को व्यवस्थित करने की आवश्यकता नहीं रहेगी
इससे पुराने लिखित कार्य को व्यवस्थित करने की आवश्यकता नहीं रहेगी जिन क्षेत्रों में जल भराव की स्थिति बनी रहती है। उन क्षेत्रों में किसान मछली पालन करके अपने आय में बढ़ोतरी कर सकते हैं । एक जन संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां खेत में पानी का नियमित ठहराव बना रहता है। वहां किसान परंपरागत खेती की अपेक्षा मछली पालन का व्यवसाय शुरू करके काफी अच्छा पैसा कमा सकते हैं। उन्होंने कहा कि मछली पालन में झींगा मछली का पालन करके प्रत्येक कर करीब दो लाख रुपये प्रतिवर्ष की कमाई की जा सकती है। ऐसे में जल भराव वाले क्षेत्र का सदुपयोग करके इसे काफी अच्छा लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
यह योजना साल 2015 में शुरू की गई थी
किसानों को फसल नुकसान से सुरक्षा प्रदान के करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलाई गई है। यह योजना अधिक अधिंकाश राज्यों में लागू है। हरियाणा में भी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को फसल नुकसान पर मुआवजा मिलता है। यह योजना साल 2015 में शुरू की गई थी। इस योजना के तहत हर साल लाखों किसान अपनी फसल का बीमा करवा कर मौसम में हुए नुकसान का मुआवजा प्राप्त करते हैं। पीएम फसल बीमा योजना के तहत रबी की फसलों के लिए दो प्रतिशत खरीफ फसलों के लिए 1.5 प्रतिशत व वाणिज्यिक या बागवानी फसलों के लिए 5 प्रतिशत प्रीमियम तय किया गया है।
किसानों के लिए फसल मुआवजा से संबंधित महत्वपूर्ण लिंक
प्रधानमंत्री फसल बीमा येाजना की आधिकारिक वेबसाइट लिंक- https://pmfby.gov.in/
मेरी फसल मेरा ब्यौरा में पंजीकरण हेतु लिंक- https://fasal.haryana.gov.in/
फसल नुकसान की रिपोर्ट अपलोड करने हेतु लिंक- https://ekshatipurti.haryana.gov.in/