मध्य प्रदेश के हर गांव में लगेंगे 100 मेगावाट सोलर और 40 मेगावाट पवन ऊर्जा  संयंत्र

Saroj kanwar
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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट ने ग्रामीण क्षेत्रों में नवकरणीय ऊर्जा से बिजली उत्पादन को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है।

बैठक में यह तय किया गया कि
जल जीवन मिशन के तहत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई) विभाग करीब 160 मेगावाट बिजली का उत्पादन करेगा। 

 इसके लिए ग्रामीण इलाकों में 100 मेगावॉट के सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट और 60 मेगावॉट के पवन ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। इस पहल से न केवल जल आपूर्ति योजनाओं को सुचारु ऊर्जा उपलब्ध होगी, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा को भी बढ़ावा मिलेगा, साथ ही यह भी सुनिश्चित किया है कि प्रदेश के सभी सरकारी और निजी ताप विद्युत गृहों में कोयले की आपूर्ति पर्याप्त मात्रा में की जाएगी, ताकि उनकी स्थापित क्षमता का पूरा उपयोग हो सके।

मध्य प्रदेश जल निगम द्वारा 35 हजार से अधिक ग्रामों के 75 लाख परिवारों को पेयजल 60 हजार 786 करोड़ रुपये की लागत से 147 समूह ग्राम पेयजल प्रदाय योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। उक्त परियोजनाओं के लिए निजी भागीदारी के माध्यम से क्रियान्वयन किए जाने के लिए 24 मार्च, 2025 को मंत्रि-परिषद द्वारा सैद्धांतिक सहमति दी गई है।

कैबिनेट में नई परियोजनाओं से बिजली खरीद को मंजूरी 

कैबिनेट ने नई ताप विद्युत परियोजनाओं से 4000 मेगावॉट बिजली खरीदने का निर्णय लिया है। इसके लिए एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड ने प्रतिस्पर्धात्मक निविदा प्रक्रिया के तहत तीन कंपनियों का चयन किया है।

इनसे क्रमशः 800 मेगावॉट, 1600 मेगावॉट और 800 मेगावॉट बिजली खरीदी जाएगी। इसके अलावा निविदा में तय ग्रीनशू प्रावधान के तहत अतिरिक्त 800 मेगावॉट बिजली भी ली जाएगी। इस फैसले के बाद एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी को आगे की कार्रवाई करने और विद्युत नियामक आयोग के पास टैरिफ (दर) स्वीकृति के लिए आवेदन करने की अनुमति दी गई है।

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