दोनों किडनी हुआ खराब तो माँ नें अपनी एक किडनी देकर बचाई जान, अब सीकर के लाल ने जर्मनी में बढ़ाया देश का मान 

Saroj kanwar
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Rajasthan: अक्सर अपने बड़े बुजुर्गों को कहते हुए सुना होगा कि व्यक्ति मुश्किलों से लड़कर ही इतिहास बनाता है। दुनिया में कई ऐसे लोग हैं जो मुश्किलों से लड़ते हुए नई कहानी लिख दिए हैं आज हम आपको राजस्थान के भी एक ऐसे ही लड़के की कहानी बताएंगे जिसके दोनों किडनी खराब हो गए फिर भी उसे लड़के ने हाथ नहीं मानी।

अंकित कुमार सोहू की कहानी प्रेरणा से भरी हुई है। झुंझुनूं जिले के गुढ़ागौड़जी निवासी अंकित पहले वॉलीबॉल के राष्ट्रीय खिलाड़ी थे। 2022 में उनकी तबीयत बिगड़ने पर पता चला कि उनकी दोनों किडनी खराब हो चुकी हैं। यह खबर उनके लिए जीवन बदलने वाली थी, लेकिन उनकी मां विमला देवी ने अपने बेटे को बचाने के लिए 2023 में अपनी एक किडनी दान कर दी। मां के इस त्याग ने अंकित को नया जीवन दिया और उन्हें फिर से अपने सपनों को जीने का मौका मिला।

अंकित ने न केवल अपनी बीमारी को हराया बल्कि खेलों में भी शानदार वापसी की। उन्होंने जर्मनी में आयोजित अंतरराष्ट्रीय ट्रांसप्लांट गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए जैवेलियन थ्रो में रजत पदक और लॉन्ग जंप में कांस्य पदक जीता। यह उपलब्धि उनके हौसले और मेहनत का प्रमाण है।

हालांकि, आर्थिक तंगी के कारण उनकी जर्मनी यात्रा मुश्किल हो गई थी। इस पर मीडिया ने उनकी कहानी को प्रकाशित किया, जिसके बाद वीर तेजा सेना के प्रदेश महामंत्री सचिन पिलानियां ने उनकी मदद के लिए मुहिम शुरू की और उनकी यात्रा के लिए आवश्यक राशि जुटाई।

अंकित ने न केवल व्यक्तिगत संघर्ष को हराया, बल्कि खेल के माध्यम से भारत का डंका भी बजाया। उनकी कहानी यह सिखाती है कि कठिनाइयों के बावजूद हिम्मत और दृढ़ निश्चय से बड़ी से बड़ी बाधा को पार किया जा सकता है। मुश्किलों से लड़ते हुए राजस्थान का बेटा आज सफलता की कहानी लिख दिया है।

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