हिंदू धर्म में भगवान शिव की आराधना बहुत महत्व है भगवान की पूजा के लिए भक्तों को महाशिवरात्रि का इंतजार रहता है। इस साल 8 मार्च को महाशिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा। फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी रखे जाने वाले महाशिवरात्रि व्रत को भगवान शिव और माता पार्वती की विवाह का दिन माना जाता है। शास्त्रों में महाशिवरात्रि की कुछ नियम बताए गए हैं जिनका ध्यान रखने से भगवान भक्तों की प्रसन्न होकर कृपा बरसाते हैं। आईए जानते हैं महाशिवरात्रि के व्रत के दौरान कि नियमों का पालन करना चाहिए।
महाशिवरात्रि की पूजा
ब्रह्म मुहूर्त
महाशिवरात्रि वाले दिन ब्रह्ममहूर्त उठकर स्नान करने से स्नान करने के साथ ही नए वस्त्र धारण करें। इस दिन श्वेत वस्त्र पहनना बहुत शुभ होता है। भगवान शिव और माता पार्वती का स्मरण कर व्रत रखने का संकल्प करें और पूरे दिन ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करें। इस दिन व्रतियों की मदद करें।
उपवास
महाशिवरात्रि की व्रत के पूर्ण लाभ के लिए सूर्य उदय होने से लेकर चतुर्दशी तिथि समाप्त होने से पहले उपवास रखें।
पूजा
महाशिवरात्रि की पूजा में भगवान शिव का बेलपत्र अवश्य चढ़ाएं। शिवलिंग को पंचामृत से अभिषेक जरूर करें। महाशिवरात्रि के दिन भूलकर भी तामसिक भोजन प्याज , लहसुन , मांस या शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। व्रत रखने वालों को चावल ,दाल और गेहूं से बने खाद्य पदार्थ ग्रहण नहीं करनी चाहिए।
भगवान शिव की पूजा के दौरान कुछ चीज शिवलिंग पर नहीं चढ़ाने चाहिए
भगवान शिव की पूजा में नारियल पानी ,सिंदूर ,तुलसी पत्रों और हल्दी नहीं चढ़ाना चाहिए। इस दिन किसी के बारे में गलत बातें ना करें । महाशिवरात्रि के व्रत के दौरान मन वचन और क्रम से किसी का अपमान करने से बचना चाहिए।