8 साल से बस्ती रिंग रोड बनाने का दावा सच में तब्दील हो रहा है। प्रथम फेज की 22.5 किलोमीटर लंबी सड़क धरातल पर उतरने लगी है UP की बस्ती जिले में रिंग रोड निर्माण के लिए भूमि की निशानदेही का कार्य शुरू हो गया है। पूर्व सांसद हरीश द्विवेदी की पहल पर वर्ष 2015 में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने यहां कलवारी में जनसभा के दौरान शहर के चारों तरफ रिंग रोड बनाए जाने की घोषणा की थी । इस प्रस्ताव को 2023 में स्वीकृति मिली।
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री ने सड़क का शिलान्यास किया था
इसी साल केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री ने सड़क का शिलान्यास किया था। इसी के बाद भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हुई , मुआवजे का वितरण तेजी से किया जा रहा है। उम्मीद है कि अगले 1 महीने में शत प्रतिशत मुआवजा वितरित कर दिया जाएगा। निर्माण एजेंसी के इंजीनियरों की आवाजाही बढ़ गई है। इसके लिए अधिकार निर्माण कंपनी की टीम के साथ भूमि की निशानदेही का कार्य शुरू करा दिया गया है।
तीन पोकलैंड मशीन खेतों में उतार दी गई है
बरनवीया से बक्सर होते हुए कुआनो नदी के पास तक राजजात तक 4 किलोमीटर की दूरी तक में तीन पोकलैंड मशीन अधिग्रहित जमीनों की खुदाई में कार्य कर रही है। यह सब इसलिए किया जाता है अगली सीजन की बुवाई अधिकरण जमीन में ना की जा सके। सदर तहसील के 54 गांवों से होकर गुुजरने वाली रिंग रोड से करीब दो सौ गांवों के भाग्य की लकीर खिंचनी शुरू हो गई है। धान की कटाई के बाद तीन पोकलैंड मशीन खेतों में उतार दी गई है।
पहले चरण में 54 गांवों में 111 हेक्टेयर भूमि सड़क के लिए अधिग्रहित की जा रही है
इनके जरिये बरवनिया से कुआनो नदी के पास राजाजोत गांव तक लगभग चार किमी तक बस्ती रिंग रोड के लिए प्रस्तावित भूमि पर निशान लगाने का कार्य होने लगा है। ग्रामीणों में यह कौतूहल का केंद्र बना हुआ है। उनके गांव में महानगरों जैसी चमचमाती हुई फोरलेन सड़क बनने की उम्मीद जग गई है। सबकुछ ठीक रहा तो दिसंबर तक यहां सड़क निर्माण की हलचल और तेज हो जाएगी। रिंग रोड निर्माण के दौरान कुआनो नदी समेत उन आधा दर्जन स्थलों पर ब्रिज का भी निर्माण होगा जहां प्रमुख सड़क एवं रेलवे लाइन की क्रॉसिंग पड़ रही है।बस्ती-महुली मार्ग पर दसकोलवा के पास, बस्ती-कांटे मार्ग पर बायपोखर एवं रेलवे लाइन तथा गोरखपुर-लखनऊ हाईवे पर रिंग रोड की क्रॉसिंग के लिए ओवरब्रिज या अंडर पास बनाना होगा। केंद्रीय सड़क परिवहन और राज्यमार्ग मंत्रालय खुद रिंग रोड निर्माण का जिम्मा संभाल रखा है। पहले चरण में 54 गांवों में 111 हेक्टेयर भूमि सड़क के लिए अधिग्रहित की जा रही है।
इस आधार पर किसानों को समझाया जा रहा है
70 प्रतिशत मुआवजे का वितरण होते ही निर्माण की प्रारंभिक प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। रिंग रोड के प्रस्तावित जमीनों की पिलरिंग पहले से हो चुकी है। अधिग्रहण प्रक्रिया काफी हद तक पूरा होने के बाद पिलरिंग कर चिह्नित स्थलों की खोदाई करवाई जा रही है। कुछ विवादित जमीनों पर मुआवजा न मिलने की वजह से अड़चने आ रही हैं। मगर, प्रशासन का तर्क है कि सड़क निर्माण अब नहीं रोका जा सकता है। विवादित जमीनों का मुआवजा तब तक रोके रखा जाएगा जब तक कि न्यायालय का फैसला किसी के पक्ष में नहीं आएगा। इस आधार पर किसानों को समझाया जा रहा है।