Women Jeans Pockets :महिलाओं की जीन्स में पॉकेट क्यों होती है छोटी? कारण सुनकर तो लगेगा झटका

Saroj kanwar
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Women Jeans Pockets: फैशन की दुनिया जितनी ग्लैमरस दिखती है. उतनी ही गहराई और रणनीति से भरी हुई भी होती है. आए दिन नए ट्रेंड्स और डिजाइनों के साथ फैशन इंडस्ट्री खुद को अपडेट करती रहती है. खासकर महिलाओं के पहनावे को लेकर हमेशा नए-नए बदलाव सामने आते रहते हैं. इसी कड़ी में एक ऐसा सवाल जो कई बार लोगों के मन में आता है—”लड़कियों की जीन्स की पॉकेट लड़कों की तुलना में छोटी क्यों होती है?”

फैशन में महिलाओं के पास ज़्यादा विकल्प


महिलाओं के पास फैशन के लिहाज से कपड़ों के अधिक विकल्प होते हैं—साड़ी, सूट, कुर्ती, टॉप, ब्रालेट, जीन्स आदि. वहीं जीन्स आज एक जरूरी परिधान बन चुकी है. जिसे महिलाएं टॉप से लेकर कुर्ती तक के साथ पहनती हैं. लेकिन एक बात जो अक्सर नजर में आती है, वो है—महिलाओं की जीन्स में पॉकेट का छोटा आकार.

छोटी पॉकेट सिर्फ डिज़ाइन नहीं, सोच है


महिलाओं की जीन्स की पॉकेट का छोटा होना सिर्फ डिज़ाइन का मामला नहीं है. बल्कि इसके पीछे गहरी सोच और मार्केटिंग रणनीति छिपी होती है. आमतौर पर देखा गया है कि इन पॉकेट्स में न तो मोबाइल आता है और न ही पर्स. इसके विपरीत पुरुषों की जीन्स की पॉकेट बड़ी, गहरी और उपयोगी होती है.


बड़ी पॉकेट बिगाड़ सकती है शेप


महिलाओं की जीन्स को इस तरह डिज़ाइन किया जाता है कि वो बॉडी को परफेक्ट फिट करे और स्टाइलिश दिखे. यही वजह है कि बड़ी पॉकेट लगाने से जीन्स का शेप खराब हो सकता है. जिससे उसका फैशन लुक बिगड़ जाता है. इसलिए डिज़ाइनर फिटिंग को प्राथमिकता देते हुए पॉकेट को छोटा रखते हैं.


कॉस्ट कटिंग है एक प्रमुख कारण


फैशन इंडस्ट्री में कॉस्ट कटिंग यानी उत्पादन लागत कम करना एक बड़ा फैक्टर होता है. कई ब्रांड्स छोटे पॉकेट बनाकर कपड़े की बचत करते हैं. जिससे जीन्स बनाने की लागत घटती है और कंपनी को अधिक मुनाफा होता है. यह भी एक बड़ा कारण है कि महिलाओं की जीन्स की पॉकेट सीमित और छोटी होती है.


स्ट्रेचिंग और लुक बचाने की रणनीति


एक और पहलू यह है कि अगर पॉकेट ज्यादा बड़ी हो, तो जीन्स पर स्ट्रेचिंग का खतरा बढ़ जाता है, जिससे कपड़े की फिटिंग बिगड़ जाती है. डिज़ाइनर यह जोखिम नहीं उठाते और ज्यादा आकर्षक दिखने के लिए पॉकेट को छोटा रखते हैं.


फैशन ट्रेंड्स बदलते रहते हैं


फैशन ट्रेंड्स तेजी से बदलते रहते हैं और हर सीजन में नया अंदाज़ देखने को मिलता है. पॉकेट का साइज भी इन्हीं ट्रेंड्स का हिस्सा है. कई डिज़ाइनर केवल दिखावे के लिए पॉकेट रखते हैं. लेकिन वे वास्तव में काम की नहीं होतीं.

मार्केटिंग स्ट्रेटजी


इस ट्रेंड के पीछे मार्केटिंग की एक गहरी रणनीति भी छिपी है. जब जीन्स की पॉकेट छोटी होती है. तो महिलाओं को पर्स, स्लिंग बैग या हैंडबैग की जरूरत महसूस होती है. इससे फैशन एक्सेसरीज़ की बिक्री बढ़ती है. यानि पॉकेट छोटी करके कंपनियां एक और प्रोडक्ट बेचने की संभावनाएं बढ़ा देती हैं.

पॉकेट्स से स्टाइल तक—फैशन का बदलता चेहरा


आज के समय में कई ब्रांड्स ने पॉकेट का कॉन्सेप्ट ही लगभग खत्म कर दिया है. पॉकेट्स का उद्देश्य अब उपयोगिता नहीं, बल्कि सिर्फ फैशन शो-ऑफ बन चुका है. यह बदलाव इस बात का संकेत है कि फैशन अब केवल आराम और जरूरत पर आधारित नहीं रह गया. बल्कि यह अब मार्केटिंग और ट्रेंड का खेल बन गया है.

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