भारत में बांयी और विदेशो में दांयी और बैठकर क्यों चलाई जाती है गाड़ी ,यहां जाने क्या है इससे जुड़ा राज

Saroj kanwar
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दुनिया की कई देशों में ट्रैफिक बायीं और चलता है तो कुछ में दाएं और गाड़ियों की स्टेरिंग का स्थान भी दुनिया भर में समान नहीं है। भारत और ब्रिटेन सही दुनिया के अधिकांश देशों में बायीं और स्टेरिंग लगाया गया।

अमेरिका, फ्रांस और हॉलैंड सहित बहुत से देश में गाड़ियों में स्टेरिंग दायी और होता है। इस दोहरे सिस्टम को देखकर मन में यह सवाल जरूर आता है कि आखिर यह दाएं बाएं का चक्कर आखिर क्यों है। क्या स्टीयरिंग की साइड का ड्राइवर की सेफ्टी से कोई संबंध है। गाड़ियों में स्टेरिंग दाएं और बाएं तरफ होने का कारण अलग-अलग देश में सड़क पर चलने के नियम अलग-अलग होना है।

भारत और ब्रिटेन में सड़क के बाई और चला जाता है

भारत और ब्रिटेन में सड़क के बाई और चला जाता है। इसलिए यहां वाहनों का स्टेरिंग बायीं और होता है। इसी तरह अमेरिका सहित जिन देशों में सड़क के दाएं और चलने का प्रचलन है। वहाँ स्टेरिंग बायीं और लगाया जाता है। इसलिए गाड़ियां भी लेफ्ट हैंड ड्राइव और राइट हैंड ड्राइव दो तरह की होती है। पुराने जमाने में लोग सुरक्षा के लिए तलवार साथ लेकर चलते थे।

ज्यादातर लोग राइट हेंड होते थे तो ज्यादातर दाएं हाथ से तलवार चलाते थे इसलिए जब वह घोड़ा लेकर सड़क पर निकलती थी सड़क की बाई और चलती थी ताकि आगे से आने वाले व्यक्ति को उनकी दाईं तरफ से ही गुजरना पड़े । अगर वहां दुश्मन निकलता है तो उसे पर आसानी से वार किया जा सकता है।

बग्घियों बदला सिस्टम

18वीं सदी में फ्रांस और अमेरिका में माल ढुलाई के लिए बड़ी-बड़ी बग्घियां बनी जिन्हे घोडा जोत कर खिंचा जाता था। इन बग्घी गाड़ी वहां बैठने को जगह नहीं होती थी। एक आदमी किसी एक घोड़े पर बैठकर बाकी को हांकता था। अब चाबुक चलाने के लिए गाड़ी वान को अपना दांया हाथ फ्री रखना होता था इसलिए वह बग्घी में जुते आखिरी घोड़े पर बैठता था । आज जब चूँकि आदमी बग्घी पर बांयी तरफ बैठा होता था तो बग्घी को सड़क की दाहिनी तरफ चलता था ताकि सामने से आने वाली गाड़ियां उस तरफ से निकले जहां वो बैठा हुआ है। इससे दो बग्घियों को क्रॉस करते वक्त नजररखी जा सके।

अमेरिका और भारत में क्यों फर्क

भारत में बांयी और चलने का रिवाज इंग्लैंड की देन है। भारत में लंबे समय तक इंग्लैंड का राज रहा है इसमें अंग्रेजों ने भारत में भी अपने देश की तरह सड़क की बांयी और चलने का नियम बनाया। जब भारत में गाड़ियां आई तो उनके स्टेरिंग इंग्लैंड की तरह दांयी और लगाई गई हुई। अमेरिका में 18वीं सदी से ही बग्घियों के कारण दांयी और चलने का रिवाज था तो गाड़ियों की स्टेरिंग लेफ्ट साइड में रखना शुरू हो गए।

किस तरफ स्‍टेयरिंग ज्‍यादा सुरक्षित


1999 में हुई एक रिसर्च में सामने आया था कि बांयी और चलने वाली ट्रैफिक से कम हादसे होते हैं। यहां ड्राइवर सीट दाएं और होती है जिसे गाड़ी चलाते समय सड़क पूरी नजर आती है। सड़क पर होने वाली गतिविधि ड्राइवर को साफ नजर आती से दुर्घटनाकी संभावना कम होती है।

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