20 वर्षों से चिल्टर्न रेलवेकी एक समर्पित कर्मचारी रेहाना ख्वाजा ने अपने समर्पण को एक नए स्तर पर ले लिया है। यह पश्चिमी लंदन के प्रमुख केंद्र मैरीलेबोन स्टेशन से इतनी प्रभावित है कि इसके उसने इसके अनुरूप अपना मिडल नेम कानूनी तौर पर बदल लिया। रहना ने अपने नाम में “मैरीलेबोन” शामिल करने का फैसला किया। हालांकि उनकी बेटियों ने इस मामले में हस्तक्षेप किया।
परिवर्तन इस्मत से”मैरीलेबोन” करने से साफ तौर पर समझा जाता है
उनके मध्य का नाम का परिवर्तन इस्मत से”मैरीलेबोन” करने से साफ तौर पर समझा जाता है कि उस स्टेशन का उनके जीवन पर कितना गहरा असर है । वह “मैरीलेबोन”में ट्रेन स्पेशल से लेकर स्टेशन मैनेजर तक विभिन्न पदों पर रही। लंदन का यह ऐतिहासिक स्थल उनके दिल में खास जगह रखता है।’ द इंडिपेंडेंट ‘रिपोर्ट के अनुसार ,रिहाना वर्तमान में ऑपरेटर के नेटवर्क में सिक्योरिटी मैनेजर के रूप में काम करती है। लेकिन जितना संभव हो सके मैरीलेबोन लौट आती है।
,स्टेशन अपने आप में बड़ा नहीं है लेकिन इसमें एक आत्मा है
उन्होंने कहा कि ,स्टेशन अपने आप में बड़ा नहीं है लेकिन इसमें एक आत्मा है , जितना अधिक मैने अपने समय के रूप के दौरान इसकी खोज की उतना ही अधिक में इसके साथ प्यार में पड़ रही हूं। यह वास्तव में मुझे घर से दूर घर जैसा लगता है। उन्होंने कहा इसमें एक व्यक्तिगत स्पर्श है। यह गर्मजोशी भरा और स्वागतयोग्य है हर लंदन स्टेशन ऐसा नहीं है मुझे इमारत पसंद है ,मुझे लोग पसंद है। मुझे स्टेशन का इतिहास पसंद है। जब मुझे स्टेशन काप्रबंधन करना पड़ा तो मुझे ऐसे लगा जैसे मैं उड़ रही हूं। अब भी जब मैं वहां हूं तो मुझे ऐसा ही महसूस होता है। चिल्टर्न रेलवे के मानव संसाधन निदेशक वैनेसा रसेल ने ‘द इंडिपेंडेंट ‘को बताया कि एक ‘आश्चर्य’ था जब उनके विभाग को ख्वाजा के नए नाम की के बारे में सूचितकिया गया।