संसदीय की स्थाई समिति ने कहा कि, दिशपूर्ण फास्टैग के कारण होने वाली असुविधा के लिए लोगों को नहीं , जिम्मेदार एजेंटीयों को दंडित किया जाना चाहिए। समिति ने सरकार से कहा कि वह टोल संग्रह की निगरानी और स्वतंत्र ऑडिट के लिए एक नया तंत्र बनाएं। समिति की यह टिप्पणी इसलिए अहम् है क्योंकि फास्ट टैग में गड़बड़ी की शिकायत से चिंतित केंद्र सरकार ने पिछले दिनों एक वहां एक फास्टैग की नीति लागू की ओर यूजर्स से 29 फरवरी तक केवाईसी अपडेट करने के लिए कहा है।
सरकार को शिकायतें मिली है कि अनेक वाहनों को फास्टैग से जोड़ा गया है
सरकार को शिकायतें मिली है कि अनेक वाहनों को फास्टैग से जोड़ा गया है। परिवहन से संबंधित संसदीय समिति ने कहा कि दोषपूर्ण फास्ट्रेक के अनेक मामले वाहनों की आवाज आई में बाधा डालते हैं इसके चलते लोगों को दो गुना टोल देना पड़ता है। सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। इस लापरवाही की सजा लोगों को नहीं मिलनी चाहिए। समिति ने टोल का कुछ इस तरह राज्यों के साथ भी शेयर करने का सुझाव देते हुए कहा कि इस प्रणाली को दूर दराज के लोगो तक ले जाने की जरूरत है। समिति ने जानबूझकर या बार-बार टोल वसूली के दोषी पाए जाने वाले प्लाजा संचालकों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है और ऐसे संचालकों को भविष्य में बोली में प्रक्रिया से बाहर करने का सुझाव दिया है।
उन्हें उच्च रिच सॉल्यूशन कैमरा द्वारा पहचाना जा सकता है
हाल में कुछ स्थान पर टोल प्लाजा बनाए जाने की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए समिति ने कहा है की इसको रोकने के लिए पूरे देश में सर्वेक्षण कराने की जरूरत है फर्जी टोल प्लाजा के संदर्भ में मंत्रालय को अपने कर्तव्यों में लापरवाही करने वाले को कठोर देने सजा देने की जरूरत है । भीड़भाड़ वाले स्थान पर नंबर प्लेट से हो वसूली संसदीय समिति के अनुसार नंबर प्लेटों का हॉलमार्क किया जाता है और उन्हें उच्च रिच सॉल्यूशन कैमरा द्वारा पहचाना जा सकता है।
अगर कोई वाहन चालक उस समय भुगतान करने में असमर्थ है तो वाहन को छोड़ देना चाहिए
जहां टोल प्लाजा पर ज्यादा भीड़ बढ़ है वहां स्वचालित नंबर प्लेट रीडर कैमरे लगाकर क्लोज्ड ट्रोलिंग प्रणाली लागू की जा सकती है। समिति ने एक अनोखा सुझाव यह दिया है कि जब तक एनपीआर पूरी तरह लागू नहीं हो जाता तब तक ये उपाय अपनाया जा सकता है कि अगर कोई वाहन चालक उस समय भुगतान करने में असमर्थ है तो वाहन को छोड़ देना चाहिए और इसे लेन से बाहर ले जाना चाहिए ताकि यातायात में कोई रुकावट ना हो। बाद में टोल टैक्स की भुगतान के लिए बाय नंबर से जुड़े मोबाइल नंबर पर एक पाठ्य संदेश भेजा जाना चाहिए । यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर टोल टैक्स चोरी करता है तो उसे वाहन नंबर और तस्वीर के आधार पर चालक के खिलाफ FIR या चालान जारी किया जा सकता है।