Wall Clock In Hotel Room: हम अपने घर, दफ्तर या सार्वजनिक स्थानों पर अक्सर दीवार घड़ियां देखते हैं। लेकिन जब बात होटल रूम्स की आती है, तो वहां दीवार पर घड़ी नजर नहीं आती। यह बात न सिर्फ चौंकाने वाली है बल्कि लाखों यात्रियों के मन में यह सवाल बार-बार उठता है। आखिर होटल जैसी आरामदायक जगहों पर समय दिखाने वाली घड़ी क्यों नहीं होती? इसका जवाब सिर्फ एक वजह नहीं बल्कि मनोविज्ञान, डिजाइन और व्यवसायिक रणनीतियों से जुड़ा है।
मेहमानों को तनाव से बचाने की रणनीति
होटल का मुख्य उद्देश्य होता है कि गेस्ट को सुकून और तनावमुक्त वातावरण दिया जाए। जब कमरे में घड़ी होती है, तो व्यक्ति बार-बार समय की ओर ध्यान देता है, जिससे अनजाने में तनाव महसूस कर सकता है। खासकर जब किसी की फ्लाइट, मीटिंग या अपॉइंटमेंट हो, तो घड़ी की मौजूदगी मानसिक दबाव बढ़ा सकती है। ऐसे में बिना घड़ी वाले कमरे में रहना मानसिक रूप से ज्यादा आरामदायक होता है।
ज्यादा समय = ज्यादा खर्च = ज्यादा मुनाफा
बिजनेस की भाषा में देखें तो गेस्ट जब समय नहीं देख पाते, तो वे होटल की सेवाओं का अधिक उपयोग करते हैं। जैसे स्पा, रूम सर्विस, रेस्टोरेंट आदि। इससे उनका बिल बढ़ता है और होटल को फायदा होता है। यह एक सोची-समझी व्यावसायिक रणनीति है जिससे होटल गेस्ट के ठहरने की अवधि और व्यय दोनों को बढ़ा सकते हैं।
घड़ी की टिक-टिक बन सकती है परेशानी
कुछ लोगों को घड़ी की टिक-टिक की आवाज से नींद में खलल पहुंचती है। खासकर शांत माहौल में यह आवाज और भी ज्यादा ध्यान खींचती है। होटल इस तरह की डिस्टर्बेंस को कम करने के लिए जानबूझकर घड़ी नहीं लगाते। गेस्ट्स की नींद और आराम को प्राथमिकता दी जाती है।
डिज़ाइन और इंटीरियर में नहीं आती फिट
आजकल होटल रूम्स का इंटीरियर आधुनिक और मिनिमलिस्ट होता है। दीवार घड़ियां कई बार उस डिजाइन के साथ मेल नहीं खातीं। होटल मैनेजमेंट डिजिटल घड़ी या अलार्म क्लॉक का विकल्प देता है जो फर्नीचर का हिस्सा होता है और सजावट में बाधा नहीं डालता।
मेंटेनेंस में बढ़ती दिक्कतें
हर घड़ी की बैटरी बदलना, सही समय सेट करना और टूट-फूट की मरम्मत करना होटल स्टाफ के लिए अतिरिक्त काम बन जाता है। यदि कोई घड़ी गलत समय दिखाए, तो गेस्ट को भ्रम और असुविधा हो सकती है। इस परेशानी से बचने के लिए होटल घड़ी लगाने से ही बचते हैं।
अलग-अलग टाइम जोन से आने वाले मेहमान
अंतरराष्ट्रीय होटल्स में विश्वभर से गेस्ट आते हैं। अलग-अलग टाइम जोन के कारण दीवार पर लगी एक सामान्य घड़ी कुछ मेहमानों को भ्रमित कर सकती है। उनकी बॉडी क्लॉक एक अलग समय के अनुसार चल रही होती है। ऐसे में कमरे में दीवार घड़ी उनकी नींद या दैनिक रूटीन पर असर डाल सकती है।
डिजिटल युग में मोबाइल बन गया टाइम गाइड
आज के दौर में लगभग हर व्यक्ति के पास स्मार्टफोन, स्मार्टवॉच या लैपटॉप होता है। समय जानने के लिए अब लोगों को दीवार की ओर देखने की जरूरत नहीं पड़ती। होटल्स इस बात को भलीभांति समझते हैं और उन्हें लगता है कि घड़ी अब अनिवार्य चीज नहीं रह गई है।
घड़ी न होना भी ‘लग्जरी एक्सपीरियंस’ का हिस्सा
होटल का कमरा जितना साफ, शांत और क्लटर-फ्री होता है, उतना ही वह प्रोफेशनल और लग्जरी फील देता है। दीवार घड़ी जैसी चीजें मिनिमलिस्ट अप्रोच में फिट नहीं बैठतीं, इसलिए उन्हें जानबूझकर हटाया जाता है। यह सोच लग्जरी ब्रांडिंग का हिस्सा ब**न चुकी है।