भारत में ज्यादातर लोग ट्रेन से यात्रा करना पसंद करते हैं। भारत के दूरदराज को में इलाको भी ट्रेन की पटरिया बिछाई गई है। यह साधन लोगों के लिए सुविधाजनक होने के साथ सस्ता भी होता है। हर दिन लाखों लोग ट्रेन में यात्रा करते हैं। जहां गरीब लोग के लिए ट्रेन चलाई जाती है वही अमीरों के लिए लग्जरी ट्रेन की व्यवस्था लोगों को उनकी मंजिल तक जल्दी पहुंचाने वो भी सुविधाओं के साथ शुरू की गई है। वंदे भारत एक्सप्रेस।
सोशल मीडिया पर वंदे भारत से जुड़ी कई खबरें सामने आती रहती है
सोशल मीडिया पर वंदे भारत से जुड़ी कई खबरें सामने आती रहती है। कहीं कोई इस ट्रेन की सुविधाओं को गिनवाता नजर आता है तो कोई इसमें यात्रा करने के दौरान हुए बुरे अनुभव शेयर करते हैं। इस ट्रेन को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह भारत की सबसे तेज ट्रेन है। सोशल मीडिया पर हाल ही में वंदे भारत की केबिन से एक वीडियो रिकॉर्ड कर शेयर किया गया है इसमें दिखाया गया है की आखिर ये ट्रेन कितनी स्पीड से चलती है।
सोशल मीडिया पर वंदे भारत के केबिन से रिकॉर्ड किया गया एक वीडियो शेयर किया है। इसमें एक स्टेशन से शुरू होकर दूसरे तक जाने का सफर दिखाया गया है।
वीडियो में दोनों लोको पायलट भी नजर आए। इसके बाद पटरी का नजारा दिखाकर ट्रेन को स्टार्ट किया गया। ट्रेन धड़ल्ले से बेहद तेज गति में दौड़ती हुई नजर आई। वीडियो को देखकर किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे । ट्रेन एक से दूसरे स्टेशन पर पल भर में पहुंच गई। लेकिन इस वीडियो को बनाने के दौरान एक बड़ी गलती कर दी गई। वीडियो में ट्रेन ने बहुत तेज गति से दौड़ते देखा गया। लेकिन लोगों की नजर इस वीडियो में लोको पायलट के हाथों पर चली गयी। उसे देखने के बाद समझ में आया की इस वीडियो को टाइम लैप्स के जरिए बनाया गया है।
राजस्थान में इस समय तीन ट्रेनें दौड़ रही है और एक नई शुरुआत की शुरुआत होने जा रही है
वीडियो को फास्ट फॉरवर्ड कर दिया गया था जिसकी वजह से ट्रेन की रफ्तार इतनी ज्यादा लग रही थी जबकि असलियत में ट्रेन इतनी तेज चल नहीं रही थी। इतना ही नहीं कई लोगों ने बंदे भारत की वजह से दूसरे ट्रेनों को रोके जाने की शिकायत भी की। बात अगर बंदे भारत की करें तो राजस्थान में इस समय तीन ट्रेनें दौड़ रही है और एक नई शुरुआत की शुरुआत होने जा रही है।
इस ट्रेन में फ्लाइट की तरह सर्विस देने की कोशिश की जाती साथ ही लोगों को जल्द से जल्द मंजिल तक पहुंचाने की गारंटी भी दी जाती है। हालाँकि ऐसे कुछ मामले सामने आ जाते हैं इसमें इस ट्रेन के अंदर के हुयी लापरवाहियां उजागर हो जाती है। ट्रेन का नाम खराब हो जाता है। लेकिन भारतीय रेलवे इन शिकायतों पर एक्शन लेकर गलती सुधारने के तत्काल कोशिश करती नजर आती है।