Varanasi-Delhi Bullet Train: यूपी के 60 गाँवों से गुज़रेगी बुलेट ट्रेन, देखें किसकी ज़मीन जाएगी!

Saroj kanwar
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देश में यातायात को तेज करने के लिए सरकार ने दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन परियोजना की शुरुआत की है। इस हाईस्पीड ट्रेन से दिल्ली और वाराणसी के बीच सफर केवल कुछ घंटों में पूरा हो सकेगा। प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य उत्तर भारत में आधुनिक परिवहन सुविधा देना और यात्रियों को तेज एवं सुरक्षित यात्रा का अनुभव कराना है।

यह बुलेट ट्रेन प्रस्तावित रूट पर यूपी के लगभग 60 गाँवों से गुज़रेगी, जिससे इन गांवों की ज़मीन इस प्रोजेक्ट के लिए ली जाएगी। सरकार ने विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है और जमीनी स्तर पर सर्वे का काम शुरू हो चुका है। ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी ज़ोरों पर चल रही है।

इस योजना के चलते किसानों और ज़मीन मालिकों की चिंता बढ़ी है कि उनके खेत और मकान बुलेट ट्रेन रूट में आ सकते हैं। सरकार उचित मुआवजा और पुनर्वास का आश्वासन दे रही है।

बुलेट ट्रेन की रूपरेखा

दिल्ली से वाराणसी तक चलने वाली बुलेट ट्रेन हाईस्पीड रेल प्रोजेक्ट है, जो भारत का दूसरा बड़ा बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट होगा। National High Speed Rail Corporation Limited (NHSRCL) के जरिए इसका निर्माण होगा।

  • इस प्रोजेक्ट का रूट करीब 865 किलोमीटर लंबा होगा।
  • ट्रेन की स्पीड लगभग 350 किमी/घंटा तक होगी।
  • रूट में 12-13 स्टेशन होंगे, जिनमें दिल्ली, नोएडा, आगरा, मथुरा, प्रयागराज, लखनऊ जैसे बड़े शहर शामिल हैं।
  • साथ ही, लखनऊ और अयोध्या के लिए एक सप्ल spur line भी बनाया जाएगा।
  • जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया में यूपी के करीब 60 गाँव शामिल हैं, जिनकी ज़मीन ली जा सकती है।
  • Estimated लागत ₹1.21 लाख करोड़ से ₹1.7 लाख करोड़ तक बताई जाती है।

दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन योजना का ओवरव्यू

योजना का विवरणजानकारी
प्रोजेक्ट का नामदिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन
Corridor लंबाईकरीब 865 किलोमीटर
अनुमानित लागत₹1.21 – ₹1.7 लाख करोड़
प्रमुख स्टेशनदिल्ली, नोएडा, मथुरा, आगरा, प्रयागराज, लखनऊ, वाराणसी
उतर प्रदेश में गाँवों की संख्याकरीब 60 गाँव
ट्रेन गति300-350 किमी/घंटा
मुख्य निर्माण कंपनीNHSRCL (National High Speed Rail Corporation Limited)
जमीन अधिग्रहण प्रक्रियासरकारी नोटिस, सर्वे, मुआवजा तय
अनुमानित सफर समयदिल्ली-वाराणसी 2 से 4 घंटे
योजना की स्थितिDetailed Project Report (DPR) जांचाधीन, सर्वे पूर्ण

कौन-कौन से गाँवों की ज़मीन जाएगी?

इस प्रोजेक्ट में यूपी के लगभग 60 गाँवों की ज़मीन प्रभावित होने की संभावना है। गाँवों की लिस्ट NHSRCL के सर्वे और सरकारी नोटिस के बाद जारी होगी। सर्वे के दौरान ज़मीन की माप, किसका खेत कहाँ है, और किसका मकान रूट में आता है—यह सब तय होगा।

सरकारी सूत्रों के अनुसार:

  • प्रभावित गाँवों की जानकारी ग्राम पंचायत, तहसील तथा राजस्व रिकॉर्ड पर आधारित होगी।
  • ज़मीन अधिग्रहण के लिए सरकार ने नोटिस जारी किए हैं और ग्रामवासियों से राय ली जा रही है।
  • मुआवजा राशि सुनिश्‍चित करने के लिए जिला स्तर पर कमेटियां गठित की जा रही हैं।

जमीन अधिग्रहण और मुआवजा प्रक्रिया

बुलेट ट्रेन के लिए सबसे बड़ा मुद्दा भूमि अधिग्रहण है। ग्रामीण किसानों और अन्य ज़मीन मालिकों की जरूरी ज़मीन सरकारी प्रोजेक्ट में अलग की जाएगी।

  • भूमि अधिग्रहण से पहले सरकारी नोटिस, सर्वे और ग्रामसभा की बैठकें अनिवार्य होंगी।
  • ज़मीन का आंकलन तटस्थ तरीके से किया जाएगा, जैसे रकबा, फसल की स्थिति, मकान आदि।
  • सरकार का दावा है कि सभी प्रभावितों को उचित मुआवजा और पुनर्वास दिया जाएगा।
  • मुआवजा बाजार दर/सर्किल दर पर तय होगा, किसान-भूमि मालिक अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं और सुनवाई होगी।

बुलेट ट्रेन रूट के मुख्य स्टेशन

  • दिल्ली
  • नोएडा
  • Jewar Airport
  • मथुरा
  • आगरा
  • न्यू इटावा
  • South Kannauj
  • लखनऊ
  • रायबरेली
  • प्रयागराज
  • न्यू भदोही
  • वाराणसी

योजना से होंगी ये बड़ी बातें

  • दिल्ली और वाराणसी के बीच यात्रा समय केवल 2-4 घंटा होगा।
  • यूपी के ग्रामीण इलाकों में आधुनिक रेल नेटवर्क पहुंचेगा।
  • यात्रियों को बेहद तेज और आरामदायक सफर मिलेगा।
  • व्यापारिक गतिविधियों और पर्यटन को बड़ा बढ़ावा मिलेगा।

चुनौतियाँ और सवाल

  • भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया कई बार विवाद का कारण बनती है, प्रभावित ग्रामीण मुआवजे को लेकर असंतुष्ट हो सकते हैं।
  • ट्रेन का रूट बदलने या फीज़िबिलिटी में तकनीकी दिक्कतें आई हैं—जैसे कि रेलवे ट्रैक पूरी तरह सीधा होना जरूरी है।
  • Detailed Project Report (DPR) अभी सरकारी जांच में है, अंतिम मंज़ूरी का इंतजार है।

दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन से जुड़े मुख्य बिंदु

  • योजना अभी फाइनल नहीं हुई है, Detailed Project Report (DPR) रेलवे बोर्ड की मंज़ूरी के बाद आगे बढ़ेगी।
  • कोई भी Corridor अभी सरकार द्वारा पूरी तरह स्वीकृत नहीं है।
  • National High Speed Rail Corporation Limited (NHSRCL) ने सर्वे और प्रारंभिक रूपरेखा तैयार कर दी है।
  • सभी डेटा और सूचना ऑफिसियल सरकारी स्रोतों से लिए गए हैं।

निष्कर्ष

दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन परियोजना उत्तर भारत की यातायात और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। हालांकि, गाँवों की ज़मीन जाने की प्रक्रिया में सरकार संतुलन बनाने की कोशिश कर रही है। मुआवजा और पुनर्वास के उचित प्रबंध सरकार का आश्वासन है।

Disclaimer: यह योजना अभी सरकारी मंज़ूरी के स्तर पर है, और Detailed Project Report की जांच चल रही है। ज़मीन अधिग्रहण का काम शुरू हो चुका है, लेकिन अंतिम रूट, गाँवों की सूची, और अन्य विवरण DPR मंज़ूरी के बाद ही फाइनल होंगे। ऊपर दी गई सारी जानकारी केवल अधिकृत सरकारी स्रोतों/जानकारी पर आधारित है, निजी दावों या अटकलों से बिल्कुल बचें। योजना पूरी तरह मंजूर होने के बाद ही ज़मीन अधिग्रहण और निर्माण का काम तय रूप से शुरू होगा।

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