UPI Payment News :अब 2000 से अधिक ऑनलाइन Payment करने पर लगेगा टैक्स

Saroj kanwar
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UPI Payment News: आज के युग में यूपीआई यानी यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस हमारे दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बन चुका है और इसने पारंपरिक लेन-देन के तरीकों को पूरी तरह से बदल दिया है। छोटे फुटपाथ विक्रेता से लेकर बड़े शॉपिंग मॉल तक, हर जगह यूपीआई के जरिए भुगतान की सुविधा उपलब्ध है। यह तकनीक न केवल सुविधाजनक है बल्कि सुरक्षित भी है, जिसके कारण लाखों लोग इसका उपयोग करने लगे हैं। बैंक जाकर कैश निकालने या चेक बुक के उपयोग की आवश्यकता अब बहुत कम हो गई है। हालांकि, तकनीक के साथ-साथ नियमों में भी समय के अनुसार बदलाव आवश्यक होते हैं। इसी संदर्भ में राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने यूपीआई के लिए कुछ नए नियम घोषित किए हैं जो 15 सितंबर 2025 से प्रभावी होंगे।

नए नियमों की आवश्यकता और पृष्ठभूमि

राष्ट्रीय भुगतान निगम द्वारा घोषित नए नियम किसी एक वर्ग के लिए नहीं बल्कि समाज के सभी तबकों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं। वर्तमान समय में यूपीआई का उपयोग केवल छोटे भुगतान तक सीमित नहीं रह गया है बल्कि बड़े व्यापारिक लेन-देन, निवेश और सरकारी सेवाओं के भुगतान में भी इसकी मांग बढ़ रही है। इन बढ़ती आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए लेन-देन की सीमा में वृद्धि करना आवश्यक हो गया था। नए नियमों का मुख्य उद्देश्य डिजिटल भुगतान को और भी सुविधाजनक बनाना है ताकि उपयोगकर्ता बिना किसी परेशानी के अपने बड़े भुगतान कर सकें। यह बदलाव विशेष रूप से पूंजी बाजार निवेश, बीमा भुगतान, सरकारी सेवाओं और यात्रा संबंधी भुगतान के क्षेत्र में किया गया है।

पूंजी बाजार और बीमा भुगतान में वृद्धि

नए नियमों के अनुसार पूंजी बाजार में निवेश और बीमा प्रीमियम के भुगतान की सीमा में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी की गई है। पहले जहां एक बार में अधिकतम 2 लाख रुपए का भुगतान किया जा सकता था, अब यह सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपए प्रति लेन-देन कर दी गई है। इसके साथ ही दैनिक लेन-देन की सीमा भी बढ़ाकर 10 लाख रुपए कर दी गई है। यह बदलाव उन निवेशकों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है जो शेयर बाजार में बड़ी मात्रा में निवेश करते हैं या जिन्हें अपने बीमा प्रीमियम का भुगतान करना होता है। अब उन्हें बार-बार छोटी राशि में भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी और वे एक ही बार में अपना पूरा भुगतान कर सकेंगे। यह व्यवस्था समय की बचत करेगी और लेन-देन की प्रक्रिया को सरल बनाएगी।

सरकारी सेवाओं और कर भुगतान में सुधार

सरकारी ई-मार्केटप्लेस पर खरीदारी और कर भुगतान की सीमा में भी उल्लेखनीय वृद्धि की गई है। पूर्व में यह सीमा 1 लाख रुपए प्रति लेन-देन थी जिसे अब बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया गया है। यह बदलाव सरकारी खरीदारी प्रक्रिया को और भी पारदर्शी और कुशल बनाएगा। व्यापारी और ठेकेदार जो सरकारी विभागों के साथ काम करते हैं, उन्हें अब बड़े भुगतान करने में सुविधा होगी। टैक्स भुगतान की बढ़ी हुई सीमा से करदाताओं को भी राहत मिलेगी क्योंकि वे अब अपना पूरा कर एक ही बार में भर सकेंगे। यह व्यवस्था सरकारी कार्यों में पारदर्शिता लाएगी और भ्रष्टाचार की संभावनाओं को कम करेगी। डिजिटल भुगतान के माध्यम से सभी लेन-देन का रिकॉर्ड सुरक्षित रहेगा और ऑडिट की प्रक्रिया भी आसान हो जाएगी।

यात्रा और परिवहन सेवाओं में सुविधा

यात्रा बुकिंग के लिए यूपीआई की सीमा में भी महत्वपूर्ण वृद्धि की गई है जो विशेष रूप से त्योहारी सीजन में बहुत उपयोगी होगी। पहले जहां यात्रा बुकिंग के लिए 1 लाख रुपए की सीमा थी, अब यह बढ़ाकर 5 लाख रुपए प्रति लेन-देन कर दी गई है। यह बदलाव उन परिवारों के लिए विशेष राहत लेकर आया है जो त्योहारों के समय अपने घर जाने के लिए हवाई जहाज या ट्रेन की महंगी टिकट बुक करते हैं। दिवाली, होली जैसे त्योहारों पर जब टिकट की कीमतें बढ़ जाती हैं, तब यह बढ़ी हुई सीमा बहुत काम आएगी। अब परिवार के सभी सदस्यों की टिकट एक साथ बुक की जा सकेगी। इससे यात्रा की योजना बनाना आसान हो जाएगा और ऑनलाइन ट्रैवल एजेंसियों के साथ लेन-देन में भी सुविधा होगी।
क्रेडिट कार्ड और ईएमआई भुगतान में बदलाव

क्रेडिट कार्ड बिल के भुगतान और ईएमआई की अदायगी के लिए भी नई सीमा निर्धारित की गई है। क्रेडिट कार्ड का बिल चुकाने की सीमा अब 5 लाख रुपए प्रति लेन-देन होगी और दैनिक सीमा 6 लाख रुपए तक बढ़ाई गई है। यह व्यवस्था उन लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी है जिनके पास प्रीमियम क्रेडिट कार्ड हैं या जो बड़े खर्च करते हैं। ईएमआई भुगतान की सीमा भी 5 लाख रुपए प्रति लेन-देन कर दी गई है और दैनिक सीमा 10 लाख रुपए निर्धारित की गई है। यह बदलाव होम लोन, कार लोन या व्यक्तिगत ऋण की ईएमआई भरने वालों के लिए विशेष रूप से सुविधाजनक होगा। अब वे अपनी सभी ईएमआई एक साथ भर सकेंगे और महीने के अंत में पैसे की कमी की वजह से ईएमआई चूकने का डर नहीं रहेगा।

आम उपयोगकर्ता पर प्रभाव और दैनिक लेन-देन
इन सभी बदलावों के बावजूद आम उपयोगकर्ता के लिए दैनिक छोटे-मोटे भुगतान की सीमा में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। जो लोग सब्जी खरीदने, दूध लेने, रिक्शा का किराया देने या छोटी दुकानों से सामान खरीदने के लिए यूपीआई का उपयोग करते हैं, उनके लिए सभी नियम वैसे ही रहेंगे जैसे पहले थे। यह व्यवस्था जानबूझकर की गई है ताकि आम आदमी को किसी प्रकार की परेशानी न हो। छोटे व्यापारी और दुकानदार भी अपना काम पहले की तरह करते रह सकेंगे। सरकार का उद्देश्य केवल बड़े भुगतान को सुविधाजनक बनाना है, न कि छोटे उपयोगकर्ताओं के लिए कोई जटिलता पैदा करना। इससे यूपीआई की लोकप्रियता बनी रहेगी और लोग बिना किसी चिंता के इसका उपयोग करते रहेंगे।

डिजिटल भारत मिशन पर व्यापक प्रभाव

यूपीआई के नए नियम भारत के डिजिटल भुगतान क्रांति में एक नया अध्याय जोड़ेंगे और देश की अर्थव्यवस्था को और भी मजबूत बनाएंगे। इन बदलावों से न केवल व्यक्तिगत सुविधा बढ़ेगी बल्कि व्यापारिक लेन-देन भी अधिक कुशल हो जाएंगे। छोटे व्यापारी से लेकर बड़ी कंपनियों तक सभी को इसका लाभ मिलेगा। डिजिटल भुगतान में बढ़ती पारदर्शिता से काला धन पर नियंत्रण में भी सहायता मिलेगी। सरकारी सेवाओं में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिलने से भ्रष्टाचार कम होगा और कार्यप्रणाली में तेजी आएगी। यह पहल भारत को एक कैशलेस इकॉनमी की दिशा में आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। आने वाले समय में यूपीआई का उपयोग और भी व्यापक हो सकता है और यह अंतर्राष्ट्रीय भुगतान के क्षेत्र में भी भारत की पहुंच बढ़ा सकता है।

Disclaimer

यह लेख केवल सामान्य जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। UPI के नियम और सीमाएं समय-समय पर बदल सकती हैं। नवीनतम और सटीक जानकारी के लिए कृपया NPCI की आधिकारिक वेबसाइट या अपने बैंक से संपर्क करें। किसी भी वित्तीय लेन-देन से पहले संबंधित नियमों और शर्तों की पुष्टि करना आवश्यक है।

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