UP Shikshamitra 2025: 25 हज़ार मानदेय का सपना होगा सच, 10 लाख परिवार होंगे खुश

Saroj kanwar
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उत्तर प्रदेश सरकार की योजनाओं और निर्णयों पर सबसे अधिक नजर उन वर्गों की रहती है जिनका भविष्य और आजीविका सीधे इनसे जुड़ा होता है। ऐसा ही एक बड़ा वर्ग है शिक्षामित्र और अनुदेशक, जो लंबे समय से अपने मानदेय में बढ़ोतरी की उम्मीद लगाए बैठे हैं।

हर साल त्योहारों के समय विशेष घोषणाएँ देखने को मिलती हैं और इस बार भी दीपावली से पहले एक बड़ा फैसला सामने आने की संभावना है। मीडिया रिपोर्ट्स और चर्चा के अनुसार, शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के लिए मानदेय में बढ़ोतरी का प्रस्ताव सरकार के सामने रखा गया है।

अगर यह लागू होता है, तो इस बार 25,000 रुपये मासिक मानदेय मिलने की उम्मीद बनाई जा रही है। यह उन लाखों शिक्षामित्रों के लिए राहत और खुशी की खबर होगी जो वर्षों से अपने वेतन और स्थायित्व को लेकर संघर्षरत हैं।

UP Shikshamitra 2025

शिक्षामित्र वे शिक्षक होते हैं जिन्हें प्राथमिक विद्यालयों में अस्थायी रूप से पढ़ाने के लिए नियुक्त किया गया था। इनकी शुरुआत प्रदेश सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की कमी को पूरा करने के लिए की थी। शिक्षामित्र पूरे गांव-गांव जाकर बच्चों को बुनियादी शिक्षा देने का काम कर रहे हैं।

वहीं, अनुदेशक यानी instructors वे होते हैं जिन्हें उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अलग-अलग विषयों को पढ़ाने के लिए अनुबंधित आधार पर लगाया गया। इन्हें भी कम मानदेय पर काम करना पड़ता है। समय-समय पर इन दोनों वर्गों ने मानदेय और स्थायी नौकरी की मांग को लेकर प्रदर्शन और आवाज उठाई है।

वर्तमान में मिलने वाला मानदेय

इस समय उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्रों को औसतन 10,000 रुपये तक मानदेय दिया जाता है, जबकि अनुदेशकों को इससे थोड़ी कम राशि मिलती है। महंगाई और पारिवारिक खर्चों को देखते हुए यह राशि काफी कम पड़ने लगती है। यही कारण है कि सरकार से लगातार मानदेय बढ़ाने की मांग की जा रही है। कई बार सरकार बढ़ोतरी भी करती है लेकिन यह अब भी उचित स्तर तक नहीं पहुंच पाया है।

त्योहारों के मौके पर सरकार द्वारा राहत देने का उद्देश्य यही होता है कि कर्मचारियों और अनुबंधित शिक्षकों पर आर्थिक बोझ कुछ कम हो सके। दीपावली से पहले मानदेय में हो सकने वाली बढ़ोतरी से निश्चित रूप से इन्हें एक बड़ी आर्थिक राहत मिलेगी।

25,000 रुपये मानदेय का प्रस्ताव

मौजूदा चर्चा और प्रस्ताव के अनुसार, राज्य सरकार के पास यह योजना आई है कि शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के मानदेय को बढ़ाकर 25,000 रुपये प्रति माह कर दिया जाए। यदि यह फैसला लागू होता है तो पहले की तुलना में यह बड़ी बढ़ोतरी होगी और यह वर्ग आर्थिक रूप से थोड़ी स्थिरता महसूस करेगा।

यह प्रस्ताव अभी विचाराधीन है और संबंधित विभाग द्वारा वित्तीय स्थिति के आधार पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। मगर इस खबर ने पहले ही हजारों परिवारों के बीच उम्मीद की किरण जगा दी है। दीपावली के मौके पर यह तोहफा न सिर्फ आर्थिक राहत देगा बल्कि लंबे समय से चले आ रहे असंतोष को भी कम करेगा।

शिक्षामित्रों की चुनौतियाँ और सरकार की भूमिका

शिक्षामित्र और अनुदेशक वर्षों से इस बात को लेकर चिंतित रहे हैं कि उन्हें स्थायी नौकरी या शिक्षक जैसी सुविधाएं कब मिलेंगी। स्थायित्व की कमी, कम वेतन, और भविष्य की अनिश्चितता हमेशा इनके जीवन में परेशानी का कारण बनी रही है।

सरकार भी इन्हें पूरी तरह नजरअंदाज नहीं कर सकती क्योंकि यही लोग प्रदेश के गांव-गांव जाकर शिक्षा की लौ जला रहे हैं। कई बार इन वर्गों की मांग को लेकर विधानसभा और कोर्ट तक बहस होती रही है। हालांकि स्थायी शिक्षक बनाए जाने की मांग फिलहाल कानूनी अड़चनों के चलते अटकी हुई है लेकिन मानदेय बढ़ोतरी जैसे कदम छोटे-छोटे राहत भरे प्रयास के रूप में सामने आते हैं।

दीपावली से जुड़ी उम्मीदें

त्योहार सिर्फ रोशनी और मिठास से भरे नहीं होते बल्कि उम्मीदों और खुशियों की सौगात भी लाते हैं। शिक्षामित्रों और अनुदेशकों के लिए यह दीपावली खास हो सकती है। परिवार चलाने के लिए संघर्ष कर रहे हजारों शिक्षामित्र 25,000 रुपये मानदेय मिलने की चर्चा से खुश हैं।

यदि सरकार यह प्रस्ताव लागू करती है तो निश्चित रूप से रोजगार और सम्मान का माहौल बेहतर होगा। साथ ही इससे शिक्षा व्यवस्था पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा क्योंकि शिक्षक वर्ग में आत्मविश्वास और स्थिरता का भाव बढ़ेगा।

निष्कर्ष

शिक्षामित्र और अनुदेशक लंबे समय से बेहतर वेतन और स्थायी रोजगार की मांग कर रहे हैं। दीपावली से पहले सरकार द्वारा 25,000 रुपये मानदेय देने पर विचार किया जाना उनके लिए बड़ी खुशखबरी होगी। फिलहाल यह प्रस्ताव चर्चा में है लेकिन अगर लागू होता है तब यह लाखों परिवारों के लिए त्योहार की एक सच्ची सौगात साबित होगी। क्या सचमुच यह प्रस्ताव हकीकत बनेगा, इसकी पुष्टि आने वाले दिनों में हो जाएगी।

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