धर्म ग्रंथो के अनुसार माघ मास की पूर्णिमा पर ही देवी ललिता प्रकट हुई थी। इसलिए हर साल इस तिथि पर ललिता जयंती का पर्व मनाया जाता है। इस बार इस पर 24 फरवरी शनिवार को मनाया जाएगा। देवी ललिता 10 महाविद्या में से एक है। इनका निवास शिव जी के हृदय में माना जाता है। जब जब सृष्टि का विनाश होता है तो देवी ललिता ही नए संसार का निर्माण करती है।
आगे जाए देवी ललिता से जुड़ी कुछ खास बातें व पूजा विधि
देवी ललिता के कई नाम है। लीलावती, लीलामती, ललिताम्बिका, लीलेशी, लीलेश्वरी, ललितागौरी तथा राजराजेश्वरी।ललिता देवी की पूजा तंत्र मंत्र से की जाती है। ग्रंथो के अनुसार दक्ष के यज्ञ में देवी सती ने जब आत्म दाह किया था भगवान शिव उनका शव लेकर भटकने लगे तो भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से शक्ति के शरीर को काट दिया इसके बाद सती को भगवान शंकर के हृदय में जगह मिली थी इसलिए उनका नाम ललिता हुआ था।
ललिता देवी की पूजा विधि
ललिता देवी की मूर्ति के चित्र किसी साफ स्थान पर एक बाजोट यानी पटिये पर स्थापित करें। इस पर पानी छिड़ककर शुद्धिकरण करें।
ab देवी ललिता को लाल वस्त्र ,चंदन , रोली ,अबीर , गुलाल ,चावल ,फुल ,कुमकुम, हल्दी मेहंदी और अन्य पूजन सामग्री एक एक करचढ़ाये।
देवी ललिता कमल का फूल विशेष रूप से प्रिय है पूजा में इसे जरूर अर्पित करें।
इसके बाद देवी को लाल रंग की मिठाई का भोग लगाए। इसी तरह पूजा करने के बाद देवी की आरती करें प्रसाद भक्तों में बांटे इससे आपके घर में सुख समृद्धि बनी रहेगी।