मौसम का मिजाज बदल रहा है और धीरे-धीरे गर्मी का मौसम दस्तक देने लगा है। गर्मी के मौसम के साथ धूप की चुभन चेहरे का हाल बिगाड़ देती है। सूरत से निकलने वाली पराबेंगनी किरणे तो स्किन को डैमेज कर देती है। लंबे समय तक धूप में रहने से ,सनबर्न , झाइयां , टेनिंग और कैंसर जैसी स्किन प्रॉब्लम हो सकती है ।
चेहरे की सलामती के लिए कई डर्मेटोलॉजिस्ट चेहरे पर सनस्क्रीन और सनब्लॉक यूज करने की सलाह देते हैं। सं स्क्रीन सूर्य की तेज और खतरनाक करने को फिल्टर करने का काम करती है। मतलब यह डायरेक्ट चेहरे पर पड़ने वाली सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों से चेहरे को बचाती है। इसलिए चेहरे पर सनस्क्रीन या सनब्लॉक लगाना बहुत फायदेमंद साबित हो जाता है।
धूप में चेहरे को झुलसने से बचाने के लिए दोनों में से किसका इस्तेमाल करना चाहिए हम आपको बताते हैं।
सनी स्क्रीन या सनब्लॉक में अंतर
सनस्क्रीन
सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों को सनस्क्रीन फिल्टर करने का काम करती है। यह सूरज की खतरनाक पैराबैंगनी किरणों को हमारे चेहरे पर डायरेक्ट आने से रोकती हैं। हालांकि सनस्क्रीन में सनब्लॉक की तुलना में स्थिरता थोड़ी कम होती है। यह क्रीम पसीना आने पर बह जाती है। इसका असर तीन से चार घंटे ही होता है ऐसे में से दोबारा लगाना पड़ता है। गर्मियों में टेनिंग और सनबर्न से बचने के लिए घर से बाहर निकलने में 15 मिनट से पहले अच्छे से स्किन पर अप्लाई जरूर करें।
सन ब्लॉक
संस्किण की तुलना में सन ब्लॉक ज्यादा इनफेक्टिव होता है सन ब्लॉक की बात करें तो सनस्क्रीन के कम्पेयर में अलग होता है और मोटा होता है। स्किन पर अप्लाई करते ही एक मोटी परत बनाता है है जिससे सूरज की किरणें सीधे त्वचा पर नहीं पड़ती। इनमें मौजूद सइटेनियम डाइऑक्साइड या जिंक ऑक्साइड जैसे तत्व त्वचा पर प्रोटेक्शन को लेकर लेयर बनाने का काम करती है। अगर धूप में जाते ही आपकी स्किन जल्दी ही सनबर्न हो जाती है या आपको क्रीम से एलर्जी है तो ऐसी सेंसेटिव स्किन के लिए तो सन ब्लॉक बेहतर विकल्प है।
स्विमिंग करने वालों को सनबर्न से बचने के लिए सनस्क्रीन की बजाय सनम ब्लॉक का इस्तेमाल करना चाहिए।
डबल प्रोटेक्शन के लिए करे ये काम
अगर आप धूप से चेहरे को बचाने के लिए डबल प्रोटेक्शन के लिए सनस्क्रीन के साथ सनब्लॉक का इस्तेमाल करते हैं तो यह आपकी स्किन को बेहतर ढंग से सुरक्षा करेगी।