शरदीय नवरात्रि में भक्तो ने 9 दिन देवी दुर्गा की पूजा प्रार्थना करते हैं। शरदीय नवरात्रि के हर दिन माता की अलग-अलग रूप की पूजा होती है। यह समय भक्ति और आस्था का होता है और माता भक्तो पर कृपा करती है। मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान माता की आराधना भक्तों की जीवन में सुख और समृद्धि आती और सभी तरह के कष्टों का निवारण हो जाता है।
ज्योतिष के अनुसार , इस वर्ष शरदीय नवरात्रि व्रत बेहद शुभ है। आइये जानते है देवी दुर्गा का आगमन कब होगा। और कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त।
शारदीय नवरात्रि अश्विन माह में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होती है। इस वर्ष साल अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि का प्रारंभ 2 अक्टूबर को देर रात 12:18 से 4 अक्टूबर को करके 2:58 तक ही रहेगा। इस साल शरदीय नवरात्रि का प्रारंभ 3 अक्टूबर दिन गुरुवार से होगा और 11 अक्टूबर तक नवमी मनाने के साथ समाप्त होगा ।
शुक्रवार के दिन शुरू होने पर माता की सवारी पालकी में आती है
12 अक्टूबर को विजयदशमी मनाई जाएगी। शरदीय नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है। इस बार कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 3 अक्टूबर को सुबह 6:15 से 7:22 तक है। इसके बाद सुबह 11:46 से 12:33 तक अभिजीत मुहूर्त में भी कलश स्थापना की जा सकती है। इस बार माता-पालकी पर सवार होकर आने वाली है। देवी पुराण में पालकी पर माता की सवारी को अत्यंत शुभ माना गया। नवरात्रि को गुरुवार और शुक्रवार के दिन शुरू होने पर माता की सवारी पालकी में आती है।