चंद्र ग्रहण के बाद 2024 का पहला सूर्यग्रहण लगने जा रहा है। ग्रहण सूर्य ग्रहण चैत्र नवरात्रि शुरू होने की ठीक पहले लगेगा । इसलिए इस बार देवी भक्तों को कुछ खास बातों को ध्यान रखना होगा। ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण काल को शुभ नहीं माना गया है। लोगों पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। सूतक काल में मंदिरों का पट बंद रहते हैं। इस दौरान पूजा पाठ वर्जित रहती है।
ग्रहण की समाप्ति के बाद मंदिरों में शुद्धिकरण किया जाता है
वही ग्रहण की समाप्ति के बाद मंदिरों में शुद्धिकरण किया जाता है। हालाँकि 2024 का पहला सूर्य ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा जिसके कारण इसका सुत्तक काल मान्य नहीं होगा। लेकिन रात में होने वाले सूर्य ग्रहण के बाद सुबह ही नवरात्रि की पूजा भी होनी है। तमाम देवी भक्त पूजा के साथ कलश स्थापना भी करेंगे। ऐसे में कुछ बातों को ध्यान रखना होगा अन्यथा नवरात्रि की पूजा का फल विफल हो सकता है।
,2024 को पहले सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को रात्रि 9:12 को शुरू होगा
ज्योतिष ने बताया कि ,2024 को पहले सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को रात्रि 9:12 को शुरू होगा जिसका समापन रात्रि 1:30 सूर्य ग्रहण शुरू होता।लेकिन सूर्य ग्रहण शुरू तो 8 अप्रैल को होगा लेकिन समाप्त 9 अप्रैल की तिथि में होगा। ऐसे में 8 और 9 दोनों तिथियां पर ग्रहण का प्रभाव रहेगा। वहीं 9 अप्रैल की सुबह से ही नक्षत्र नवरात्रि की शुरुआत होगी। और भक्त कलश स्थापना करेंगे। ऐसे में कलश स्थापना से पहले कुछ उपाय होगा करना जरूरी होंगे ताकि नवरात्रि की पूजा का संपूर्ण फल मिले।
ज्योति शास्त्र ग्रहण के प्रभाव को नहीं नकारता
ज्योतिष के मुताबिक , भले भारत में सूर्य ग्रहण दिखेगा नहीं लेकिन ज्योति शास्त्र ग्रहण के प्रभाव को नहीं नकारता। 9 अप्रैल की सुबह में ग्रहण की समाप्ति के बाद सुबह चैत्र नवरात्रि के लिए कलश स्थापना की। इसलिए सुबह सबसे पहले गंगाजल से स्नान करें। कलश स्थापना से पहले पूरे घर को गंगाजल से शुद्ध करें साथ ही कलश के ऊपर भी गंगाजल का छिड़काव करें। भोग में लगाए प्रसाद के ऊपर कुश या तुलसी का पत्ता अवश्य चढ़ाएं। ऐसा करने से पूजा सफल मानी जाएगी। शुभ फल की प्राप्ति होगी साथ ही कलश स्थापना शुभ मुहूर्त में करें। इससे माता दुर्गा का आशीर्वाद सदैव जातकके ऊपर बना रहेगा।