सनातन धर्म में चैत्र वैसे तो नवरात्रि मनाई जाती है जिनमें से दो गुप्त होती है दो शरदीय और चैत्र नवरात्रि होती है। चैत्र नवरात्रि की शुरुआत इस बार 9 अप्रैल से हो रही है जो की 17 अप्रैल तक चलेगी। ऐसे माता रानी 9 दिनों तक अपने भक्तों के बीच रहेगी और अपनी असीम कृपा भक्तो पर बरसाएगी। इस पर माता रानी किस पर सवार होकर आएगी इसका अर्थ क्या है और घट स्थापना से लेकर अन्य महत्वपूर्ण तिथियां कब पड़ रही है। इसके बारे में आपको बताते हैं।
8 अप्रैल रात 11:50 पर शुरू होगी
चैत्र नवरात्रि की शुरुआत क्षेत्र में ये शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि होती है। इस बार 8 अप्रैल रात 11:50 पर शुरू होगी। ऐसे में उदया के अनुसार 9 अप्रैल को नवरात्रि का पहला दिन मनाया जाएगा। इस दिन का घट स्थापना होगी। घट स्थापना में शुभ मुहूर्त सुबह से लेकर 6:02 से लेकर 10:16 तक है। इसके अलावा दोपहर11:57 से 12:48 का अभिजीत मुहूर्त है। इन दोनों मुहूर्त में घट स्थापना की जा सकती है।
मां दुर्गा का वाहन घोड़ा है
इस बार चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा का वाहन घोड़ा है यानी की मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आएगी। ऐसे में माता रानी की घोड़े की सवारी क्या संकेत देती है। यह हम आपको बताते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ,जब दुर्गा माता घोड़े पर सवार होकर आती है तो छत्रभंगे स्तुरंगम कहा जाता है और उसे शुभ नहीं माना जाता है।
माता रानी घोड़े पर सवार होकर आती है
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब माता रानी घोड़े पर सवार होकर आती है तो समाज और राजनीति में बड़ी उथल -पुथल हो सकती है और विवाद और युद्ध की स्थिति बन सकती है। इतना ही नहीं ज्योतिष के अनुसार ,प्राकृतिक आपदाएं ,दुर्घटनाओं ,तनाव की स्थिति बन सकती है। हालांकि जब माता रानी घोड़े पर सवार होकर आती है किसी इससे साधक की समस्याएं दूर होती है।