ये है दुनिया की सबसे खतरनाक मोटरबाइक रेस ,जो पैसो के लिए नहीं होती है रोमांच के लिए ,बस एक गलती और….

Saroj kanwar
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कहा जाता है कि सेंकडो साल पहले मोटरसाइकिल की कुछ शौकीन लोगों ने मोटरसाइकिल की बाइक की रेस की शुरुआत की थी। बाद में दुनिया भर में मोटरसाइकिल रेस की लोकप्रियता बढ़ने लगी तो इस मोटरसाइकिल के रूप में पहचान मिली। आज दुनिया के कई देशों में मोटरसाइकिल रेसिंग का आयोजन एक बड़े स्पोर्ट्स इवेंट के तौर पर किया जाता है। भारत में भी पिछले साल मोटा जीपी रेस का आयोजन किया गया था जिसे दुनिया भर के लोगों का ध्यान आकर्षित किया।

मोटरस्पोर्ट रेस के लिए खास तौर पर ट्रैक तैयार की जाती है

आमतौर पर मोटरस्पोर्ट रेस के लिए खास तौर पर ट्रैक तैयार की जाती है इसमें राइडर की सेफ्टी का पूरा ध्यान रखा जाता है। ट्रेक ऐसा होता है कि रेसर के बाइक से गिरने पर भी ज्यादा चोट नहीं लगती। हालाँकि यहां हम आपको एक ऐसे ही मोटरसाइकिल रेस के बारे में बताने वाले हैं जिसमें ना ही स्पीड की कोई लिमिट है और ना ही इसके लिए कोई स्पेशल ट्रेक है “आइल ऑफ मैन – टूरिस्ट ट्रॉफी” के नाम से लोकप्रिय इस मोटरसाइकिल रेस को दुनिया की सबसे खतरनाक मॉडल स्पोर्ट के रूप में जाना जाता है। यह रेस खतरनाक इसलिए है क्योंकि किसी ट्रेक पर नहीं बल्कि खुली सड़कों पर आयोजित किया जाता है सिर्फ इतना ही नहीं है रेस एक ऐसी जगह होती है जिसमें खतरा ही खतरा और एक छोटी सी चूक रेसर की जान ले बैठती है।

“आइल ऑफ मैन – टूरिस्ट ट्रॉफी” को शुरू हुई है 100 साल से भी ज्यादा हो गयी है। इस रेस की शुरुआत 1907 में कुछ ब्रिटिश मोटरसाइकिल प्रेमियों ने की थी। दरअसल “आइल ऑफ मैन” यूनाइटेड किंगडम की आयरी समुद्र क्षेत्र में स्थित एक टापू देश है। यह अपने यहां होने वाले रोमांचक रेस की वजह से ही दुनिया के सामने उभरा। समय के साथ मोटरसाइकिल रेस ज्यादा जो लोग जुड़ने लगे तो एक वार्षिक मोटर स्पोर्ट इवेंट का रूप दे दिया गया। अब यह रेस हर साल में जून के महीने में आयोजित होता है। इस रेस को ‘टूरिस्ट ट्रॉफी’ कहते हैं क्योंकि यह देश आयरलैंड देश में टूरिज्म का मुख्य स्रोत है और हर साल लाखों लोग इसे देखने आते हैं। यह इवेंट आज दुनिया भर से बाइक रेसरों का आकर्षित कर रहा है।

शहर में लॉकडाउन जैसी स्थिति

आइल ऑफ मैन – टूरिस्ट ट्रॉफी” अन्य मोटरस्पोर्ट से अलग और ज्यादा जोखिम भरा है ये इसलिए क्योंकि इस रेस में मोटरसाइकिल रेसिंग ट्रैक के बजाय टापू की आम सड़कों पर दौड़ती है यह सड़के कई पहाड़ियां ,s संकरी ,गली तीखे मोड़ो से होकर जाती है। रेस के दौरान चार-पांच घंटे तक आम लोगों के लिए सड़कों को बंद कर दिया जाता है और शहर में लॉकडाउन जैसी स्थिति हो जाती है इसलिए इसमें लगभग 60 किलोमीटर का एक स्पिरिट लैंप होता है ऐसे 4 लैप को सबसे कम समय में पूरा करने वाला रेसर जीत लेता है।

अपने शौक को पूरा करने के लिए ही इस रेस में शामिल होते हैं

आइल ऑफ मैन रेस में अब तक की बाइक की सबसे तेज रफ्तार 330 किलोमीटर का घंटा रिकॉर्ड की गई थी। इस मोटरसाइकिल रेस को दुनिया की सबसे कठिन रेस माना जाता है। इस वजह से कई बाइक रेसर को इसमें भाग लेने का जुनून सवार होता है हालांकि मोटो जीपी वन और फार्मूला 1 जैसे रेस की तरह आयल ऑफ मैन टूरिस्ट ट्रॉफी में विजेता को करोड़ों डॉलर की राशि नहीं दी जाती है बल्कि इस रेस को जीतने वाले रेसर को अधिकतम 30000 डॉलर यानी 25 लाख रुपए ही मिलते हैं। दुनिया भर से कई रेसर सिर्फ अपने शौक को पूरा करने के लिए ही इस रेस में शामिल होते हैं।

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