EPFO पेंशन योजना के तहत सदस्य 58 वर्ष की आयु और 10 वर्षों की अंशदायी सदस्यता पूरी करने पर पेंशन के हकदार बन जाते हैं। ईपीएफओ ने अपने कर्मचारी पेंशन योजना को 16 अक्टूबर 1995 में लागू किया। यह योजना 1971 की परिवार पेंशन योजना का स्थान लेती हैं जिसे सिर्फ सदस्य की मृत्यु की के बाद मृतक के परिवार को पेंशन मिलेगी लेकिन नई योजना के तहत, अब सदस्य खुद भी पेंशन पाने के हकदार होते हैं। चलिए विस्तार से जानते हैं इस योजना के बारे में।
EPFO के कर्मचारी पेंशन योजना के अंतर्गत सदस्यों को पेंशन पाने के लिए कुछ शर्ते पूरी करनी होती है।
10 वर्षों में अंशदायी सदस्य्ता – एक सदस्य को पेंशन काहकदार बनने के लिए न्यूनतम 10 वर्षों तक अंशदान करना होता है।
58 वर्ष की आयु :सदस्य 58 वर्ष की आयु पूरी करने पर पेंशन ले सकता है।
50 वर्ष की आयु में पेंशन
यदि कोई व्यक्ति 50 वर्ष की आयु पूरी होने के बाद नौकरी छोड़ता है तो वह पेंशन का हकदार होता है। लेकिन इस स्थति में पेंशन की दर थोड़ी कम होती है। 50 वर्ष की आयु में से उसके बारे में होने में पेंशन में 4% प्रति वर्ष की दर से कमी हो जाएगी।
पेंशन की गणना दो मुख्यदो मुख्य आधारों पर होती है।
पेंशन योग्य सेवा -जितने वर्षों तक सदस्य ने पेंशन फंड में अंशदान किया है।
सेवा निवृत्ति से पूर्व के 60 माह का औसत वेतन।
यदि आप जानना चाहते हैं कि आपको कितनी पेंशन मिलेगी तोwww.epfindia.gov.in वेबसाइट में जाकर ऑनलाइन सर्विसेज बॉक्स की EDLI और पेंशन कैलकुलेटर का उपयोग कर सकते हैं। आप अपना विवरण दर्ज करके अपनी पेंशन की सही राशि का अनुमान लगा सकते हैं।
यदि किसी सदस्य की पेंशन योग्य सेवा 20 वर्ष से अधिक है तो उसे दो वर्षों का बोनस भी दिया जाता है।
घटी दरों पर पेंशन
58 वर्ष की आयु पर सदस्यों को पेंशन देती है किंतु यदि कोई सदस्य 50 वर्ष की पूरी करने के बाद 58 वर्ष की आयु पूरी करने से पहले रिटायर हो जाता है तो उसे घटी दरों से पेंशन दी जाएगी।
पेंशन को स्थगित करना
सदस्य यदि 558 वर्ष के बाद बाद 60 वर्ष की आयु तक पेंशन को स्थगित करता है तो उसे 59 वर्ष की आयु पर 4% और 60 वर्ष की आयु पर 8% की वृद्धि के साथ पेंशन मिलेगी। अधिक जानकारी के लिए www.epfindia.gov.in पर जाएं।
पेंशन फंड में अंशदान जारी रखना
यदि 10 वर्षों की पेंशन योग्य सेवा पूरी हो चुकी हो और सदस्य 58 वर्ष के बाद भी नौकरी में है, तो वह 60 वर्ष की आयु तक पेंशन फंड में अंशदान जारी रख सकता है। इससे उसकी पेंशन की गणना में 58 वर्ष के बाद की सेवा और वेतन भी शामिल होंगे, जिससे अधिक पेंशन मिलेगी।