मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने विधानसभा में 2025 -26 का बजट प्रस्तुत करने पश्चात यह स्पष्ट किया कि उनकी शराब सरकार शराब की दुकान खोलने की अनुमति तो नहीं देगी लेकिन स्थानीय रूप से उत्पादन शराब और बीयर की बिक्री को नियंत्रित करने की योजना बना रही है। यह नियंत्रण विशेष रूप से उन उत्पादों पर लागु होगा जोराज्य के भीतर उत्पादित होते हैं।
विधानसभा में प्रस्तावित बिल का महत्व
जोरम पीपल्स मूवमेंट सरकार द्वारा शराब और बीयर की उत्पादन बिक्री और वितरण को नियंत्रित करने के लिए एक नया विधेयक लाया गया है इस विधायक के तहत राज्य में फल और चावल से बनी शराब की बिक्री को नियमित किया जाएगा। यहविधेयक खासतौर पर पारंपरिक मीजो शराब जिसे देसी शराब भी कहते हैं की बिक्री की भी अनुमति देगा।
मिजोरम में शराबबंधी का इतिहास और भविष्य
मिजोरम में शराब पर प्रतिबंध काफी समय से एक महत्वपूर्ण नीतिगत मुद्दा रहा है। 1984 में शराब की बिक्री की अनुमति दी गई थी लेकिन 1987 से फिर से प्रतिबंधित कर दिया गया। 1995 में एक कठोर शराब प्रतिबंध नीति लागू की गई जिसे 2019 से पुनः सख्तीसे लागू किया गया। हालाँकि 2015 में एक बार फिर से शराब की को कुछ हद तक अनुमति दी गई थी जिसेMNF सरकार ने अपनी चुनावी वादे के अनुसार बदल दिया।
सरकार की नियंत्रित नीति के साथ आगे बढ़ने का निर्णय
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि शराब की दुकानों को खोलने की वजह सरकारी स्थानीय रूप से उत्पादित शराब की बिक्री को नियंत्रित करने का मार्ग अपना रही है। इससे राज्य में अल्कोहल की खबर कुछ हद तक नियंत्रण रहेगा साथ ही स्थानीय उत्पादकों को समर्थन मिलेगा इससे नीति से राज्य में शराब संबंधित इंसान दुर्घटना में कमी आने की उम्मीद है।