किसानो की खेती के काम को आसान बनाने के लिए आज बाजार में कई प्रकार के आधुनिक कृषि यंत्र उपलब्ध है। लेकिन महंगे होने के कारण कृषि यंत्र की खरीद नहीं कर सकता है। ऐसे में सरकार की ओर से आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को कृषि यंत्रों मशीनों की खरीद के लिए सब्सिडी ला लाभ प्रदान किया जाता है। इस कड़ी में राज्य सरकार की ओर से किसानों को कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने के लिए उसके लिए कृषि यंत्र के खरीद हेतु सब्सिडी दी जा रही है। जो किसान कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए कृषि यंत्र की खरीद करना चाहते हैं वे इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
इस योजना में आवेदन करके अनुदान करना प्राप्त कर सकते हैं
दरअसल राज्य सरकार की ओर से किसानों को सस्ती दर पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कृषि यंत्रीकरण योजना के तहत 80 प्रतिशत सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है। इस समय राज्य सरकार की ओर से इस योजना के तहत किसानों को कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना पर सब्सिडी दी जा रही है। साथ ही कृषि यंत्र की खरीद पर भी अनुदान का लाभ प्रदान किया जा रहा है। इसके लिए 5 अप्रैल से आवेदन शुरू किए जाएंगे। ऐसे में जो प्रदेश के जो किसान भाई सब्सिडी पर कस्टम हायरिंग सेंटर खोलना चाहते हैं या कृषि यंत्र की खरीद करना चाहते हैं। वे इस योजना में आवेदन करके अनुदान करना प्राप्त कर सकते हैं।
किसानों का 75 प्रकार की कृषि यंत्रों पर अनुदान दिए जाने का निर्णय लिया गया है
कृषि विभाग की ओर से वित्त वर्ष 2024-25 में कृषि यंत्रीकरण योजना के तहत 82 करोड़ 25 लाख रुपए की योजना को स्वीकृति दी गई है। योजना के तहत राज्य सरकार की ओर से इस साल किसानों का 75 प्रकार की कृषि यंत्रों पर अनुदान दिए जाने का निर्णय लिया गया है। इन कृषि यंत्रो में जुताई , बुवाई , निराई , गुड़ाई सिंचाई ,कटाई , तथा दौनी तथा उद्यानिकी से संबंधित कृषि यंत्र शामिल किए गए हैं । इसके अलावा सरकार सम्माम योजना के तहत इस वर्ष 104 करोड़ की लागत में कृषि यंत्रों की कस्टम हायरिंग सेंटर कृषि यंत्र बैंक एवं स्पेशल कस्टम हायरिंग केंद्र की स्थापना के लिए सब्सिडी दी जाएगी।स्माम योजना में योजना के तहत आवेश अवशेष प्रबंधन के यंत्र जैसे सुपर सीडर , हैप्पी सीडर ,स्त्रो बेलर व मैनेजमेंट सिस्टम आदि पर सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जा रहा है। इसके लिए किसानो को 40 से लेकर 80% तक सबसे बड़ी दी जा रही है जो अलग-अलग कृषि यंत्र एवं मशीनों पर अलग-अलग सब्सिडी जाएगी।
कस्टम हायरिंग केंद्र के लिए कितनी मिलेगी सब्सिडी
कस्टमर हायरिंग केंद्र के लिए कृषि विभाग की ओर से किसानों को अलग-अलग राज्यों के तहत कस्टम हायरिंग सेंटर ,कृषि यंत्र बैंक एवं स्पेशल कस्टम हायरिंग केंद्र की स्थापना के लिए अलग-अलग सब्सिडी दी जाएगी। जो इस प्रकार है।
सब मिशन ऑन मैकेनाईजेशन स्माम योजना के तहत 2024-25 में राज्य के सभी जिलों में कुल 267 कस्टम हायरिंग सेंटर जिसकी अनुमानित लागत 10 लाख रुपए है। इस पर किसानों को 40% अधिकतम 4 लाख रुपए की सब्सिडी मिलेगी।
सबमिशन ऑन एग्रीकल्चर मेकेनाइजेशनयोजना 2024 -25 में राज्य के 9 जिलों पटना ,भोजपुर ,कैमूर , बक्सर ,नालंदा, रोहतास ,नवादा ,औरंगाबाद और गया जिलों में स्पेशल अवशेष प्रबंधन के लिए स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना के लिए अनुदान दिया जाएगा।
किसानों को 80% अधिकतम 12 लाख रुपए का अनुदान दिया जाएगा
स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटर इकाई की लागत के किसानों को 80% अधिकतम 12 लाख रुपए का अनुदान दिया जाएगा। वही सबमिशन ऑन एग्रीकल्चर में मेकेनाइजेशन योजना 2024 -25 में राज्य के चयनित गांव में 101 कृषि यंत्र बैंक कृषि का इलाके 10 लाख रुपए है। इस पर 80% अधिकतम 8 लाख रुपए की सब्सिडी दी जाएगी। इस समय बिहार सरकार की ओर से किसानों को कृषि यंत्रीकरण योजना को और स्माम दो योजनाओं के माध्यम से किसानों को कस्टम हायरिंग सेंटर कृषि यंत्र बैंक के लिए 75 प्रकार की कृषि यंत्र पर सब्सिडी मिलेगी । इसके लिए आवेदन 5 अप्रैल से शुरू हो जाएंगे।
आवेदन का चयन लॉटरी के माध्यम से किया जाएगा
बिहार राज्य के किसान इसमें आवेदन कर सकेंगे । आवेदन का चयन लॉटरी के माध्यम से किया जाएगा। आवेदन के चयन की बात लॉटरी की तिथि को ही परमिट जारी किया जाएगा। जिसकी वैधता 21 दिनों की होगी। जो किसान कस्टम हायरिंग के केंद्र या कृषि यंत्र बैंक के लिए सब्सिडी का लाभ प्राप्त करना चाहते हैं । उन्हें किसी कृषि यंत्रीकरण सॉफ्टवेयर OFMAS आवेदन करने से पहले कृषि विभाग बिहार की डीबीटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना जरूरी होगा। बिना रजिस्ट्रेशन नंबर के OFMAS में आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा । डीबीटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के बाद किसानों को कृषि विभाग की वेबसाइट ट (www.farmech.bih.nic.in पर आवेदन करना होगा।