किसानों को फसल नुकसान की भरपाई के लिए सरकार की ओर से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत प्राकृतिक आपदा जैसे आंधी ,तूफान ,बारिश ओला वृष्टि जैसे आदि से फसल कोई नुकसान का मुआवजा दिया जाता है। बीते साल भी किसानों की फसलों को बारिश के नुकसान हुआ था जिसका मुआवजा सरकार की ओर से दिया गया। इसके बाद भी बहुत से किसान ऐसे पाए गए जो फसल नुकसान के लिए सर्वे के दौरान छूट गए। उन्हें फसल नुकसान का मुआवजा नहीं मिल पाया। ऐसे किसानों की फसल में भी नुकसान का ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने इन किसानों को भी फसल नुकसान का मुआवजा दिया जाने का फैसला किया है।
राज्य सरकार की ओर से किसानों के नुकसान की भरपाई की जाएगी
राज्य सरकार की ओर से किसानों के नुकसान की भरपाई की जाएगी। बताया जा रहा है कि राज्य में ऐसे किसानों की संख्या 3.5 लाख से ज्यादा है उनके खाते में राज्य सरकार की ओर से करीब 1 अरब 76 करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर की जाएगी। राज्य सरकार के इस फैसले से प्रदेश के किसानों में खुशी की लहर है। पिछले 2 सालों में आपदाओं में क्षतिग्रस्त फसलों के नुकसान के मुआवजे से बहुत से किसान छूट गए थे यह किसान तकनीक कारण से मुआवजे से वंचित रह गए थे। इन्हें राज्य सरकार की ओर से वित्तीय वर्ष 2021-22 और 2022-23 में हुई फसल नुकसान मुआवजा दिया जाएगा। ऐसे किसानों की संख्या करीब साढे तीन लाख बताई जा रही है जिनकी खाते में प्रदेश सरकार करीब1 अरब 76 करोड रुपए से अधिक धनराशि जल्दी जारी करेगी इसके लिए राज्य सरकार ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं।
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में विभिन्न आपदाओं से क्षतिग्रस्त फसलों के मुआवजे पर अन्य राहत के संबंध में समीक्षा की बैठक की थी। इसके दौरान उन्होंने त्रुटियों के कारण फसलों के नुकसान के दोबारा सत्यापन में लापरवाही और मुआवजा जारी नहीं होने को लेकर नाराजगी जताई और 17 जिलों के एडीएम एफआर से जवाब तलब किया था साथ यह अधिकारियों को ऐसे मामलों में शीघ्र सत्यापन कराकर किसानों को मुआवजा राशि देने के निर्देश दिए हैं ।
अपार मुख्य सचिव राजस्व के मुताबिक सर्वे में पाया गया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में मुआवजे में सबसे अधिक सीतापुर के 27836 किसान छूट गए थे। उन्हें उन्हें 10,72,51,397 की राशि का भुगतान किया जाए। वहीं बरेली के 22661 किसान और ललितपुर के 19420 किसानों के मुआवजे का भुगतान किया जाए जायेगा। इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2022-23 में मुआवजे की सबसे अधिक सिद्धार्थनगर के 21,002 किसान छूट गए थे जिन्हेंअब 10,07,53,392 रुपए की धनराशि का भुगतान किया जा रहा है।
किसान और बलराम के 12933 किसानों को मुआवजे का भुगतान किया जा रहा है
वही झांसी की 17296 किसान और बलराम के 12933 किसानों को मुआवजे का भुगतान किया जा रहा है। बता दे कि इससे पहले वर्तमान वित्तीय वर्ष में जनवरी 1,87,845 से अधिक किसानों को करीब80,88,68,299 रुपए से अधिककी मुआवजा वितरित की जा चुकी है। राहत आयुक्त जीएस नवीन के मुताबिक ,आपदाओं में से सत्याग्रह फसलों से प्रभावित काफी तादाद में किसानो की डाटा फीडिंग के दौरान , आधार कार्ड ,खाता संख्या में गलती और अप्लाई और डुप्लेक्सी के कारन मुआवजा के भुगतान नहीं हो पाता है। ऐसे में दोबारा सत्यापन कराया जाता है। लेकिन जिला स्तर पर पिछले दो सालों में इसमें लापरवाही की जिसके कारण किसानों को मुआवजा राशि दी जा रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की निर्देश पर दोबारा सर्वे करा कर मुआवजे से वंचित किसानों को मुआवजा राशि प्रदान की जा रही है। प्रदेश के विभिन्न जिलों से क्षतिग्रस्त फसलों से प्रभावित वंचित किसानों को तत्काल मुआवजा देने के लिए मांग के अनुसार धनराशि उपलब्ध कराई जा रही है। अभी तक पिछले वित्तीय वर्ष की छूटे किसानों को 60 करोड़ से अधिक की राशि दी जा चुकी है। आप इसके टोल फ्री नम्बर पर पता लगा सकते है।
यूपी में फसल मुआवजे का किसानों के खाते में ट्रांसफर किया जा रहा है
यूपी में फसल मुआवजे का किसानों के खाते में ट्रांसफर किया जा रहा है। फसल का नुकसान मुआवजा खाते में पहुंचे में दो-तीन दिन का समय लग जाता है ऐसे में किसान घबराए नहीं। किसानो की सुविधा के लिए जल्द ही खाते में उनके ट्रांसफर खाते में पैसे ट्रांसफर कर दिए जाएंगे। यदि सब कुछ चेक करने के बाद भी और खाते में मुआवजा का पैसा ट्रांसफर नहीं किया था। स्थानीय स्तर पर बीमा कंपनी और कृषि अधिकारी ,जिला स्तरीय निवारण हेतु जिला स्तरीय नागरानी समिति राज्य स्तरीय पर राज्य स्तरीय फसल बीमा समन्वय में समिति के माध्यम से अपनी समस्या का निवारण कर सकते हैं। वही आपने जिस कंपनी से फसल बीमा कराया था उसे कंपनी के टोल फ्री नंबर पर आप शिकायत दर्ज कर सकते हैं इससे आपकी समस्या का समाधान हो सकता है।