सरकार की ओर से किसानों की आय बढ़ाने का नियंत्रण प्रयास किया जा रहा है। ऐसे में किसानों को कई योजनाओं के माध्यम से सब्सिडी का लाभ दिया जाता है। ताकि वे आसानी से खेती के काम में बना सके। इस कड़ी में राज्य सरकार की ओर से मोटे अनाज से श्री अन्न का नाम दिया गया उसके उत्पादन को प्रोत्साहित किया जा रहा है। पीएम मोदी द्वारा मोटे अनाज की उपयोगिता बताने के बाद देश में मोटे अनाज का व्यापक प्रचार प्रसार भी किया गया है। वर्ष 2023 को मोटे अनाज का वर्ष भी घोषित किया ताकि देश में ही नहीं विदेश में भी भारतीय अनाज जैसे ज्वार ,बाजरा ,मक्का कुटकी ,कोदो आदि की ख्याति बड़े मोटे अनाज का उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार किसानों को सब्सिडी का लाभ भी प्रदान कर रही है। पीएम मोदी द्वारा मोटे अनाज के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार की ओर से प्रदेश में रानी दुर्गावती श्री अन्न योजना शुरू करने का निर्णय लिया गया है। इस योजना के तहत ज्वार ,बाजरा ,रागी ,कोदो ,कुटकी की खेती करने वाले किसानों को ₹10 प्रति किलोग्राम के हिसाब से अतिरिक्त सब्सिडी दी जाएगी।
सब्सिडी की राशि सीधे किसानों के खातों में ट्रांसफर की जाएगी
सब्सिडी की राशि सीधे किसानों के खातों में ट्रांसफर की जाएगी। राज्य सरकार की ओर रानी दुर्गावती श्री अन्न प्रोत्शाहन योजना को लागू करने का फैसला लिया गया है। किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री एदल सिंह कंषाना के मुताबिक ,इस योजना के तहत श्री अन्न जैसे ,कोदो ,कुटकी , रागी , ज्वार , बाजरा आदि उत्पादन करने वाले किसानों को प्राप्त सहित किया जाएगा इसके लिए उन्हें ₹10 प्रति किलोग्राम के हिसाब से प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी यदि कोई किसान 80 क्विंटल उत्पादन करता है तो वह उसे इन फसलों के निर्धारित msp से ₹10 प्रति किलोग्राम अधिक मूल्य दिया जाएगा। ऐसे में किसानों को एक क्विंटल पर हजार रुपए का अतिरिक्त लाभ प्राप्त होगा। वहीं 80 क्विंटल उत्पादन करने पर किसान को 80 हजार रुपए का अधिक लाभ प्राप्त होगा। ऐसे में यह योजना मोटे अनाज का उत्पादन करने वाले किसानों के लिए काफी लाभकारी साबित होगी। इस योजना को जल्द लागू किया जाएगा ताकि उनकी फसलों की खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहन के साथ ही राज्य में इनका उत्पादन बढ़ सके।
रानी दुर्गावती श्री अन्न योजना का मुख्य उद्देश्य से राज्य के जिलों में पूर्व से मिलेट प्रसंस्करण आदि के लिए कार्यरत समूह को फेडरेशन के रूप में संगठित कर क्षमता में बढ़ोतरी कर कोदो ,कुटकी के विक्रय एवं ब्रांडिंग गतिविधियों को बढ़ावा देने के इस योजना को वर्ष 2023 -24 वर्ष 2025 -26 तक चलाया जाएगा। इसका क्रियान्वयन पूरे राज्य में किया जाएगा। कंपनी अधिनियम 2013 के तहत कंपनी के रूप में फेडरेशन का गठन किया जाएगा।
मोटे अनाज की खेती पर क्यों दिया जा रहा है जोर
मोटे अनाज या श्री अन्न की खेती की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इस विषम जलवायु में भी उगाया जा सकता है। इसकी खेती में काम पानी की आवश्यकता होती है। इतना ही नहीं कम उपजाऊ भूमि में भी इन फसलों का बेहतर उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। यदि की बात की जाए मोटे अनाज के पोषक तत्वों की तो इसमें कैल्शियम ,आयरन ,विटामिन ,डाइटरी ,फाइबर अधिक पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हमारे शरीर के लिए लाभकारी है।
यह अनाज ग्लूटेन फ्री होते हैं
बता दे कि आज के दौर में जागरूक उपभोक्ताओं ने ग्लूटेन की भी विकल्प के लिए खाद्य पदार्थों पर ध्यान देना शुरू कर दिया है। ऐसे में मोटे अनाज इसके लिए अच्छा विकल्प है। क्योंकि यह अनाज ग्लूटेन फ्री होते हैं जिससे उनकी पौष्टिकता और अधिक बढ़ जाती है। यदि बात की जाए कोदो,कुटकी की तो इसकी पौष्टिकता के कारण इस मोटा अनाज का बाजार भाव सो रुपए किलो से भी अधिक है। अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष 2023 के दौरान श्री अन्न फसल की काफी प्रचार प्रसार किया गया जिससे इसके बाद जार मांग में बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में इसका बाजार अन्य मोटे अनाज से अधिक है।
कोदो ,कुटकी की खेती की जाती है
इस अनाज को उपभोक्ताओं द्वारा पसंद किए जाने से किसानों की आय बढ़ाने की संभावना भी बढ़ती जा रही है। अभी तक निरंतर आपूर्ति नहीं होने, वैल्यू चेन में गैप के कारण किसानों को इसका उचित लाभ प्राप्त नहीं हो पा रहा है। रानी दुर्गावती श्री अन्न प्रोत्शाहन योजना से मिलेट उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। मध्य प्रदेश के कई जिलों में कोदो ,कुटकी की खेती की जाती है। मंडला, डिंडोरी, बालाघाट, छिन्दवाड़ा, अनूपपुर, सीधी, सिंगरौली, उमरिया, शहडोल, सिवनी और बैतूल जिलों में इसकी खेती की जाती है। कोदो-कुटकी का उत्पादन बढ़ने से किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी। प्रदेश में कोदो ,कुटकी के खेती कर रहे किसानों कोकोदो का करीब ₹2000 प्रति क्विंटल तक कुटकी का करीब ₹3000 प्रति क्विंटल बाजार भाव मिल रहा है। किसानों से कोदो-कुटकी एफएक्यू मानक के आधार पर फेडरेशन द्वारा खरीद-फरोख्त की जाएगी ताकि किसानों को उचित मूल्य मिल सके।