पूजा पाठ से लेकर संध्या के समय दिया जलाने का बहुत महत्व है। सनातन धर्म में पूजा के समय भगवान के सामने दिया जलाकर प्रार्थना की जाती है और संध्या के समय तुलसी के सामने और मुख्य दरवाजे पर दिया जलाया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दिए की लौ से कई तरह की संकेत मिलते हैं। आमतौर पर दिए कि लौ तब ऊंची होती है जब दिए का तेल या घी के समाप्त होने के कारण दिया बुझने वाला होता है। लेकिन दिये को जलाते ही अगर लौ ऊंची हो तो इसका अर्थ अलग -अलग होता है।
आइये जानते हैं कि दिये कि उन चीजों से क्या संकेत मिलता है।
प्रभु प्र्शन्न
दिया जलाते ही अगर लौ ऊंची तो यह प्रभु का शुभ संकेत है। यह बताते हैं कि प्रभु आपसे प्र्शन्न है। उन्हें आपकी पूजा स्वीकार है और आप पर कृपा बनाए रखने कृपा बनाए हुए हैं। भगवान की आप पर कृपा दिये की लौ से में प्रतिबिंब होती है।
वास्तु दोष से मुक्त
दिये की लौ को ऊंचा का रहना बताते हैं कि घर की ऊर्जा सकारात्मक है और नकारात्मकता का कोई अंश मौजूद नहीं है। इसके साथ ही दिये की ऊंची लौ संकेत है की घर से वास्तु दोष पूरी तरह से मुक्त है। वास्तु के अनुसार दोष मुक्त घर में ही दिए की लौ ऊंची उठती है।
अनुकूल है गृह
दिये जलने पर ऊंची और अच्छी प्रकाश वाली लौ संकेत है कि घर पर परिवार को ग्रहो की कृपा है और कोई ग्रह प्रतिकूल स्थिति का निर्माण नहीं कर रहे हैं। अगर आपको और आपके परिजनों की कुंडली में ग्रह दोष नहीं बन रहा है।
शुभ समाचार
दिये की ऊंची लौ संकेत है कि जल्दी ही आपको कोई शुभ समाचार मिलेगा। अगर आपको लंबे समय से किसी विशेष चीज का इंतजार है तो वह पूर्ण होने के करीब आ गया। यह आपके घर और परिवार के लिए समय के बेहतर होने का संकेत है।