अमेरिका की इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी टेस्ला भारत में अपने संयंत्र की तलाश करने के लिए इस महीने की आखिरी में भारत की एक टी भेजेगी। कंपनी ने ये कदम ऐसे समय उठाया जब इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग धीमी हो रही है और अमेरिका और चीन जैसी बड़ी बाजारों में कंपनी को अत्यधिक प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। मांग की कमी के चलते पहले तिमाही में कंपनी की बिक्री में गिरावट दर्ज की गई।
इस संबंध में टेस्ला से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उसने कोई भी जवाब नहीं दिया
फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक ,कंपनी द्वारा भेजी जाने वाली टीम उन राज्यों को प्राथमिकता देगी जहां पर ऑटोमेटिक हब पहले से ही है। ऐसे प्रदेशों में महाराष्ट्र ,गुजरात और तमिलनाडु प्रमुख है। इस संयंत्र पर 2 से 3 अरब डॉलर का निवेश किए जाने की संभावना है। हालांकि जब इस संबंध में टेस्ला से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उसने कोई भी जवाब नहीं दिया।
घरेलू मैन्युफैक्चरिंग के लिए प्रतिबद्ध हो
भारत ने पिछले महीने ऐसी इलेक्ट्रिक कारों पर आयात कम कर दिया जो कम से कम देश में 50 करोड़ डॉलर का निवेश करें और 3 साल के अंदर घरेलू मैन्युफैक्चरिंग के लिए प्रतिबद्ध हो। टेस्ला के मालिक एलन मस्क वर्षों से भारतीय बाजार में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन सरकार उनसे स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग के लिए प्रतिबद्ध चाहती है।
EV का उत्पादन करने के लिए भारत में कारखाना बनाने की रुचि रखती है
पिछले साल जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका यात्रा पर गए थे तो उनसे मस्क ने मुलाकात की थी। कंपनी ने पिछले साल जुलाई में कहा था कि वह 24000 डॉलर की कीमत वाली EV का उत्पादन करने के लिए भारत में कारखाना बनाने की रुचि रखती है।