Tata Power Micro Substation: टाटा पावर दिल्ली ने देश में बिजली आपूर्ति प्रणाली में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने वाला एक अनूठा कदम उठाया है. कंपनी ने देश का पहला माइक्रो सबस्टेशन लॉन्च किया है, जो बेहद कम लागत में दूरदराज के इलाकों में सस्ती, स्थिर और भरोसेमंद बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने की क्षमता रखता है. यह सबस्टेशन भारत-जापान सहयोग का परिणाम है और इसे जापानी कंपनी निस्सिन इलेक्ट्रिक के साथ मिलकर विकसित किया गया है.
पारंपरिक सबस्टेशनों की तुलना में लागत में भारी कटौती
टाटा पावर के चीफ टेक्निकल सर्विसेज हेड एचसी शर्मा ने इस तकनीक के फायदों पर विस्तार से बातचीत में बताया कि यह नया माइक्रो सबस्टेशन पारंपरिक सबस्टेशनों की तुलना में करीब 95% कम लागत में बनाया गया है. इससे बिजली वितरण की लागत काफी हद तक घट जाएगी और आम उपभोक्ता को भी इसका फायदा मिलेगा.
हाई वोल्टेज से सीधे घरों तक सप्लाई
यह माइक्रो सबस्टेशन 66,000 केवी की हाई पावर लाइन को सीधे कम वोल्टेज में कन्वर्ट करने की क्षमता रखता है. इसकी खासियत यह है कि यह एक साथ 50 से 60 घरों को बिजली सप्लाई कर सकता है. बिना किसी बड़े ट्रांसफॉर्मर सिस्टम या महंगे ग्रिड नेटवर्क के.
दूरदराज और ग्रामीण इलाकों में मिलेगा सबसे बड़ा लाभ
यह नई तकनीक उन इलाकों के लिए वरदान साबित होगी. जहां अब तक बिजली पहुंचाना मुश्किल या महंगा था. अब छोटे गांव, पहाड़ी क्षेत्र, जंगलों के पास बसे समुदाय या सीमावर्ती क्षेत्र भी बिना देरी के रोशन हो सकेंगे.
‘ट्रायल रहा सफल, अब पूरे देश में विस्तार की योजना
एचसी शर्मा ने जानकारी दी कि इस माइक्रो सबस्टेशन का सफल परीक्षण पहले ही किया जा चुका है और इसकी कार्यक्षमता पूरी तरह से परखी जा चुकी है. अब टाटा पावर इसे देशभर में लागू करने की योजना पर काम कर रही है. जिससे बिजली की उपलब्धता और दक्षता में तेजी से सुधार हो सके.
जापानी तकनीक से भारत में तकनीकी क्रांति
इस परियोजना को जापानी कंपनी निस्सिन इलेक्ट्रिक के साथ साझेदारी में अंजाम दिया गया है. यह साझेदारी भारत के ऊर्जा क्षेत्र में विदेशी तकनीकों को अपनाने और स्वदेशी जरूरतों के अनुसार ढालने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.
किफायती और इको-फ्रेंडली समाधान
माइक्रो सबस्टेशन न केवल सस्ते हैं. बल्कि इंस्टॉलेशन के लिहाज से भी आसान हैं. इन्हें बेहद कम जगह में स्थापित किया जा सकता है और इनकी मेंटेनेंस भी कम खर्चीली है. साथ ही ये ऊर्जा क्षरण को भी कम करते हैं. जिससे पर्यावरणीय प्रभाव भी न्यूनतम रहेगा.
स्थानीय विकास को मिलेगा बढ़ावा
इस तकनीक के विस्तार से ग्रामीण इलाकों में छोटे उद्योग, शिक्षा संस्थान, स्वास्थ्य केंद्र और डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा. जब बिजली सहज और सस्ती होगी, तो आर्थिक गतिविधियों में स्वाभाविक रूप से तेज़ी आएगी, जिससे स्थानीय रोजगार और व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा.