Success Story: कभी सिर्फ 5,000 रुपये उधार लेकर शुरू किया काम, आज ऐसे खड़ी कर दी 42034 करोड़ की कंपनी

Saroj kanwar
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सपने वो नहीं है जो हम सोते वक्त देखते हैं सपने वो होते जो हमे सोने नहीं देते। हितेश चिमन लाल दोषी ने इस विचार को सच साबित किया । 1985 में उन्होंने केवल ₹5000 से लोन से अपने व्यवसायिक सफर की शुरुआत की। और आज वह एक अरबपति बन चुके है। उनकी कंपनी वारी एनर्जीज लिमिटेड, भारत की सबसे बड़ी सोलर पैनल निर्माताओं में से एक है। हाल ही में, उनके कंपनी के शेयर बाजार में लिस्ट हुए और पहले ही दिन में 56 प्रतिशत की जबरदस्त वृद्धि देखने को मिली। इस सफल IPO के बाद, दोशी परिवार की कुल संपत्ति 5.2 अरब डॉलर (लगभग 42,034 करोड़ रुपये) तक पहुँच गई, जो कि पहले की तुलना में दोगुनी से भी अधिक है।

शुरूआती संघर्ष और शिक्षा

57 वर्षीय हितेश दोषी ने चीनी मुंबई के श्री चिनाई कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स से अपनी पढ़ाई पूरी की। कॉलेज की दिनों में ही खर्च चलाने के लिए रिश्तेदार से ₹5000 उधार लेकर हार्डवेयर इलेक्ट्रॉनिक्स का छोटा सा व्यापार शुरू करना पड़ा। ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने बैंक से डेढ़ लाख रुपए का लोन लेकर प्रेशर गेज और इंडस्ट्रियल वॉल्व बनाने के लिए एक छोटी सी फैक्ट्री स्थापित की।

सोलर एनर्जी की तरफ कदम

साल 2000 के बाद हितेश ने बिजली से चलने वाले उपकरणों जैसे कि वाटर पंप ,प्रिंटर और लालटेन व्यापार में शुरू किया। उनकी मेहनत रंग लाई उन्होंने जल्दी ही अपने उत्पादों को अमेरिका और यूरोप तक बेचना शुरू कर दिया। 2007 में जर्मनी में प्रदर्शनी के दौरान उन्होंने सोलर एनर्जी की विशाल क्षमता का एहसास हुआ जिसने उनके व्यवसाय की दिशा बदल दी। हितेश ने अपने पूरे पुराने व्यवसाय को बेचकर सोलर सेल बनाने की दिशा में ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने अपनी कंपनी का नाम ‘वारी एनर्जी ‘अपने गांव के बड़े मंदिर के नाम पर रखा इस नए सफर में उन्होंने सोलर एनर्जी के क्षेत्र में नई पहचान दिलाई। हितेश ने हाल वर्षों में भारत सरकार की ओर से किए गए इंफ्रास्ट्रक्चर खर्च और नई नीतियों ने दूसरी एनर्जी के क्षेत्र में सफलता हासिल करने का महत्वपूर्ण सहायता की है।

सरकारी रिपोर्ट के अनुसार अक्टूबर 20024 तक भारत में स्थापित कुल ऊर्जा क्षमता का लगभग आधा हिस्सा लेने वाले एनर्जी का जिसमें सोलर एनर्जी का योगदान 20% है। आर्थिक वृद्धि

वार्री एनर्जीज भारत की सबसे बड़ी सोलर मॉड्यूल निर्माता कंपनी है, जिसकी क्षमता 12,000 मेगावाट है। कंपनी की आय का अधिकांश हिस्सा अमेरिका को निर्यात से प्राप्त होता है। पिछले कुछ वर्षों में, चीन के सोलर सेल पर अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के कारण वारी एनर्जीज के निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

भविष्य के लिए ये रणनीति

इस IPO से मिली राशि का इस्तेमाल वारी एनर्जीज ओडिशा में 6 गीगावाट क्षमता वाले एक नए मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट (Vari Energies story) के निर्माण में करेगी। हितेश दोशी की कहानी यह दर्शाती है कि कठिन मेहनत, दूरदर्शिता, और सही समय पर सही निर्णय लेकर कैसे सफलता हासिल की जा सकती है।

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