Success Story: 7 दिन टमाटर से 5 लाख रु की कमाई, धाकड़ जी ने मंडी में चलाया जादू, जानिए कैसे टमाटर ने चमकाई किस्मत

Saroj kanwar
3 Min Read

रातों-रात किस्मत चमकना सिर्फ कहने की बात नहीं है। सच में होता हैं। ऐसा एक टमाटर के किसान के साथ हुआ है। बता दें की टमाटर की खेती करने वाले किसान एक सप्ताह के अंदर टमाटर की बिक्री से 5 लाख रुपए की कमाई कर ली। अगर इसी तरह टमाटर रेट मिलता रहा तो में आने वाले समय में 40 लख रुपए से मिल सकता है जिसमें रीड की बात करते एक कैरेट में 400 से ₹1500 में जाता है। वही किलो में टमाटर की कीमत 100 से ₹120 में इस समय जा रहे है।

टमाटर की खेती किसानों को फायदा तो है लेकिन मुसीबतें भी है

किसान का नाम उमा चरण धाकड़ है। यह शिवपुरी मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं। यह करीब 5 एकड़ में बड़े पैमाने पर टमाटर की खेती करते हैं। वह डॉक्टर है उन्होंने शौकिया तौर पर खेती शुरू की। लेकिन आज अच्छी खासी कमाई कर रहे है जिससे वह काफी खुश है। टमाटर की खेती किसानों को फायदा तो है लेकिन मुसीबतें भी है।

टमाटर की खेती करने और उसे बेचने में कई मुसीबते आती है

टमाटर की खेती करने और उसे बेचने में कई मुसीबते आती है। टमाटर की बेहतरीन फसल में कई तरह की बीमारियों का प्रकोप खतरा बना रहता है। टमाटर की फसल को किट पाले से बहुत अधिक नुकसान होता है। यहां पर बचाव करना पड़ता है। इसके अलावा एक चुनौती है बाजार में मायूसी। मिली रिपोर्ट के अनुसार बता दे टमाटर बेचने में किसानों को 35 फ़ीसदी मिलती है बाकी की मंडी फुटक्रो और बिचौलिए के हाथ पैसे जाते हैं जिससे किसानों को लाभ कम होता है। इसलिए सरकार को इसका कुछ हल निकालना चाहिए।

टमाटर की रेट में बहुत उतार चढ़ाव

टमाटर की रेट में बहुत उतार चढ़ाव देखने की मिलता है जिससे कभी कीमत ₹4 तो कभी ₹200 किलो पहुंच जाती है जिससे किसान को कभी लागत भी नहीं मिलती तो कभी पैसे की बारिश होती है । कुछ किसानों को काफी कम दाम में टमाटर बेचने पड़ते हैं जिससे उनका कहना है कि सरकार को मंडी और सप्लाई चैन की व्यवस्था में सुधार करना चाहिए। इसके अलावा सरकार को फूड प्रोसेसिंग के तहत टमाटर प्यूरी और केच अप बनाने की यूनिट लगानी चाहिए जिससे किसानों को ज्यादा उपज होने पर टमाटर फेंकना पड़े वहीं कंपनियों को टमाटर बेच सके।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *