Success Story : इस महिला टीचर ने UPSC में किया टॉप, आज इस वजह से है चर्चा में 

Saroj kanwar
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IAS Monika Rani Success Story : संघ लोक सेवा आयोग( UPSC) की परीक्षा देश में सबसेकठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है. इस परीक्षा को पास करने के लिए खून पसीना एक करना पड़ता है.

आज हम आपको ऐसी ही महिला अधिकारी के बारे में बात कर रहे है, जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से इस मुकाम को हासल किया है. हम बात कर रहे है  आईएएस मोनिका रानी(IAS Monika Rani) की.

मोनिका रानी का जन्म एक मार्च 1982 में हरियाणा के गुरुग्राम में हुआ था. मोनिका का बचपन से ही सपना था कि वे IAS अधिकारी बनें. मोनिका अपने भाई से बहुत प्रेरित हुई. मोनिका ने बीकॉम और इकोनॉमिक्स में एमए(M.A) में डिग्री हासिल की.

पढ़ाई करने के बाद मोनिका दिल्ली के बिजवासन में एक सरकारी स्कूल में शिक्षिका बन गईं. 2005 में उनकी शादी हो गई और जल्द ही वे मां बन गई. परिवार और बच्चों की जिम्मेदारियां होने क बाद भी मोनिका ने UPSC की तैयारी शुरू कर दी.

मोनिका ने 3 बार UPSC की परीक्षा दी, लेकिन इस परीक्षा में वे असफल रही. मोनिका ने असफल होने के बाद हार नहीं मानी. उसके बा मोनिका ने ओर ज्यादा मेहनत की और अपने चौथे प्रयास में साल 2010 में UPSC की परीक्षा को पास करके ऑल इंडिया 70वीं रैंक को हासिल की.

30 अगस्‍त 2010 को वह यूपी कैडर की IAS बन गईं. मोनिका रानी ने अपने प्रशासनिक करियर की शुरुआत 11 जुलाई 2012 को गाजियाबाद से ज्‍वाइंट मजिस्‍ट्रेट के रूप में किया. 2017 में फर्रुखाबाद में डीएम के तौर पर मोनिका चर्चा में आईं.

उन्होंने चुनाव ड्यूटी में लापरवाही के लिए ARO (असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर) दीपेंद्र कुमार को तीन थप्पड़ जड़ दिए और उन्हें हिरासत में लेने का आदेश दे दिया. हाल ही में मोनिका फिर से चर्चा का विषय बनी हुई है.

इस साल 2025 को कांवड यात्रा की तैयारियों में लापरवाही पर 27 अधिकारियों का वेतन रोक दिया. 29 जुलाई 2025 को मोनिका का ट्रांसफर विशेष सचिव बेसिक शिक्षा विभाग और अपर महानिदेशक स्कूल शिक्षा के पद पर हो गया.

मोनिका को 21 अप्रैल 2025 को पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों से  सिविल सर्विस डे पर सम्मान मिला. 

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