राजस्थान के पाली जिले के ग्रामीण क्षेत्र में हेमावास गांव में रहने वाले जोधाराम मालवीय के साथ ऐसी घटना हुई जिसे जानकारी हैरान हो जाएंगे। दरअसल गली के कुत्ते से कुत्तों से पिल्ले से बचाने के चक्कर में उनकी मौत हो गयी । इस बात की जानकारी लगने पर बेटी भी साथ में मर गई। बेटी और पिता चले जाने से पूरा परिवार उजड़ गया। अब इस परिवार में मुखिया की पत्नी ही बची है।
दो कुत्तो ने पिल्लै पर हमला किया।
दरअसल पिछले साल दिसंबर के महीने के अंत में घर के नजदीक ही दो कुत्तो ने पिल्लै पर हमला किया। उसे बचाने के लिए जोधा राम ने पिल्लै को हाथों में उठा लिया पिल्लै ने हाथों पर ही दांत और नाखून लगा दिया। घर जाकर जोधा राम ने घाव को डिटोल से धो लिया लेकिन उपचार नहीं करवाया। 2 महीने के बाद यानी फरवरी महीने में जोधा राम की तबीयत अचानक से बिगड़ी। परिवार ने अस्पताल में भर्ती कराया तो पता चला कि रेबीज नाम की बीमारी हो गई है।
जोधाराम की तबीयत से बिगड़ने लगी और पानी देखते ही चीखने चिल्लाने लगे थे
गांव में इलाज शुरू हुआ डॉक्टरों ने घर के ही कमरे में बंद करके इलाज देना शुरू कर दिया। काफी कोशिशें के बाद भी चार-पांच दिन पहले जोधाराम की तबीयत से बिगड़ने लगी और पानी देखते ही चीखने चिल्लाने लगे थे। आखिर तीन दिन पहले जोधा राम ने दम तोड़ दिया।
स्पताल में ही पिता की मौत की सूचना मिली
मौत की खबर सुनकर 20 साल की बेटी सुरेखा ने भी जान गवा दी। परिवार से पता चला कि सुरेखा कुछ समय बीमार हुई थी अस्पताल में भर्ती थी। अस्पताल में ही पिता की मौत की सूचना मिली। कल सुरेखा ने दम तोड़ दिया एक साथ परिवार के दो लोगों के परिवार सदमे में है। ये घटना उन लोगों को अलर्ट करती है जो स्ट्रीट डॉग्स को फीड कराते हैं या स्टेट डॉग्स का पालते हैं। अगर स्ट्रीट की डॉग्स को पालते हैं उन्हें रेबीज के इंजेक्शन नहीं लगाते हैं।