Somnath Dwarka Expressway: गुजरात के श्रद्धालु और पर्यटक जल्द ही द्वारका और सोमनाथ जैसे धार्मिक स्थलों तक कम समय में पहुंच सकेंगे. राज्य सरकार ने नमो शक्ति एक्सप्रेसवे और सोमनाथ-द्वारका एक्सप्रेसवे को मंजूरी दे दी है. इन दो मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के जरिए पूर्व-पश्चिम और उत्तर-दक्षिण कनेक्टिविटी को सशक्त किया जाएगा.
बजट में हुई थी घोषणा, अब मिली आधिकारिक मंजूरी
वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में ही इन दोनों एक्सप्रेसवे की घोषणा की गई थी और अब गुजरात सरकार ने इन योजनाओं को मंजूरी प्रदान कर दी है. आगामी 6 महीने में टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी और उसके बाद इनका निर्माण कार्य शुरू होगा. निर्माण प्रक्रिया को 36 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है.
सफर में आएगी 30% तक की कमी
एक्सप्रेसवे बनने के बाद अहमदाबाद से सोमनाथ की दूरी मात्र 4 घंटे में तय की जा सकेगी, जो अभी की तुलना में लगभग 30% कम समय है. यह योजना यात्रियों, व्यापारियों और औद्योगिक इकाइयों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगी.
पीपीपी मॉडल पर होगा निर्माण
इन एक्सप्रेसवे का निर्माण पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत किया जाएगा. हाल ही में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में परियोजना की समीक्षा की गई. अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि भूमि अधिग्रहण और प्रारंभिक कार्यों में तेजी लाई जाए.पर्यटन और औद्योगिक हब होंगे लाभान्वित
एक्सप्रेसवे के माध्यम से धार्मिक और पर्यटक स्थलों के साथ-साथ औद्योगिक क्षेत्रों को भी मजबूती से जोड़ा जाएगा. जिन प्रमुख स्थलों और हब को इससे जोड़ा जाएगा, वे हैं:धार्मिक व पर्यटक स्थल: द्वारका, सोमनाथ, अंबाजी, धरोई, पोलो फॉरेस्ट, मोढेरा, बेचराजी
औद्योगिक क्षेत्र: बावला, साणंद, राजकोट-शापर, पोरबंदर-कोडिनार, धोलेरा
इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती, रोजगार सृजन और ट्रांसपोर्ट लागत में कमी आने की पूरी संभावना है.13 जिलों को जोड़ेगा एक्सप्रेसवे नेटवर्क
1,110 किलोमीटर लंबा ये संयुक्त एक्सप्रेसवे नेटवर्क गुजरात के 13 जिलों को जोड़ने वाला होगा. जिनमें शामिल हैं अमरेली, बोटाद, सुरेन्द्रनगर, पाटण, बनासकांठा, अहमदाबाद, राजकोट, मोरबी, जामनगर, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जूनागढ़ और गिर सोमनाथ. इन जिलों को जोड़ने से राज्य के दूरदराज के इलाकों की कनेक्टिविटी बेहतर होगी और नए विकास क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा.
बनेगा आधुनिक और सुरक्षित ट्रैवल इंफ्रास्ट्रक्चर
एक्सप्रेसवे पर लगभग 42 इंटरचेंज बनाए जाएंगे ताकि स्थानीय संपर्क और यातायात व्यवस्था को व्यवस्थित किया जा सके. इसके अलावा, प्रत्येक 50 किलोमीटर पर यात्रियों के लिए ये सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी:
- हल्के और भारी वाहनों के लिए पार्किंग जोन
- शौचालय और स्वच्छ पेयजल सुविधाएं
- गुणवत्तापूर्ण खाद्य व पेय पदार्थ की दुकानें
- ईंधन स्टेशन और बेसिक मेडिकल सुविधाएं
इनके अलावा ओवरपास और अंडरपास के जरिए वन्यजीवों के लिए सुरक्षित क्रॉसिंग की भी व्यवस्था होगी. इससे पर्यावरण और ट्रैफिक दोनों का संतुलन बना रहेगा.दोनों मेगा प्रोजेक्ट्स की वित्तीय जानकारी
प्रोजेक्ट का नाम | अनुमानित लागत | लंबाई |
---|---|---|
सोमनाथ-द्वारका एक्सप्रेसवे | ₹57,120 करोड़ | – |
नमो शक्ति एक्सप्रेसवे | ₹36,120 करोड़ | – |
कुल संयुक्त लागत | ₹93,240 करोड़ | 1,110 किलोमीटर |
यह गुजरात के इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा निवेश माना जा रहा है, जो ट्रांसपोर्ट और टूरिज्म सेक्टर को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा.
लोगों को मिलेगा बड़ा फायदा
पर्यटन, रोजगार और निवेश को मिलेगा बढ़ावा
प्रदेश की सड़कों पर ट्रैफिक दबाव होगा कम
श्रद्धालुओं को धार्मिक स्थलों तक सुविधाजनक यात्रा
औद्योगिक केंद्रों को बाजारों से सीधा संपर्क