Shraddh Paksh 2025: आज से शुरू होंगे श्राद्ध पक्ष, पूर्वजों को 15 दिन तक याद करेंगे परिजन, 21 सितंबर को होगी अमावस्या 

Saroj kanwar
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Shraddh Paksh Update: देश में आज से 15 दिनी श्राद्ध पक्ष रविवार से शुरू हो रहे हैं। श्रद्धा पूर्वक किए जाने वाले कार्य को ही श्राद्ध कहा जाता है। इसी दिन रात 9:58 बजे से खग्रास चंद्रग्रहण भी लगेगा। सूतक दोपहर 12:58 बजे से प्रारंभ हो जाएगा। रविवार को पूर्णिमा का महालय श्राद्ध रहेगा। ज्योतिषाचायों के अनुसार सूतक काल में भी पार्वण श्राद्ध किया जा सकता है, केवल ब्राह्मण भोजन निषिद्ध रहेगा। पकवान वर्जित, जबकि आमान्त्र (सीदा) दिया जा सकता है।
श्रद्धया यत् क्रियते तत् श्राद्धम् अर्थात श्रद्धा से किए गए कार्य को ही श्राद्ध कहते हैं। जब तक माता-पिता का रक्त हमारे शरीर में प्रवाहित है, तब तक श्राद्ध करना चाहिए। भगवान श्रीराम ने भी गया में पिंडदान करने के बाद वनवास के समय पुष्कर तीर्थ पर जाकर पिता दशरथ का श्राद्ध किया था। ज्योतिषाचार्य महर्षि संजयशिवशंकर दवे ने बताया कि कुछ लोग गया श्राद्ध को अंतिम मानते हैं, जो पूर्णतः अनुचित है। जैसे कुलदेवी के स्थान पर पूजा करने के बाद भी घर पर दीपक और तस्वीर रखी जाती है, वैसे ही पितरों का पूजन व तर्पण भी घर में करना आवश्यक है। श्राद्ध श्रद्धा का विषय है। माता-पिता की मृत्यु तिथि और श्राद्ध पक्ष की तिथि पर उनका पूजन व तर्पण अवश्य करना चाहिए।

देखिए तिथि अनुसार पूरी जानकारी

8 को प्रतिपदा का श्राद्ध

9 को द्वितीया का श्राद्ध

10 को तृतीया का श्राद्ध व चतुर्थी का पार्वण श्राद्ध

11 को चतुर्थी का एकादिष्ट श्राद्ध व पंचमी का पार्वण श्राद्ध

12 को षष्ठी का श्राद्ध

13 को सप्तमी का श्राद्ध

14 को अष्टमी का श्राद्ध

15 को नवमी सौभाग्यवती का श्राद्ध

16 को दशमी का श्राद्ध

17 को एकादशी का श्राद्ध

18 को द्वादशी व संन्यासियों का श्राद्ध

19 को त्रयोदशी का श्राद्ध

20 को शस्त्राग्निविषजल व दुर्घटना में मृतकों का श्राद्ध

21 को सर्वपितृ अमावस्या का श्राद्ध।

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