भारत में पिछले एक दशक में शिक्षा के क्षेत्र में कई बेहतर बदलाव देखने को मिले। लेकिन स्कूलों की बढ़ती फीस भी बड़ा मुद्दा रही है। करोड़ों अभिभावक स्कूली फीस में लगातार होने वाले बढ़ोतरी से परेशान है। पिछले कुछ सालों में देश के विभिन्न हिस्सों में स्कूल और कॉलेज की फीस में भारी बढ़ोतरी देखी गई है। दिल्ली के व्यक्ति ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने बेटे की स्कूल में वार्षिक फीस का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि उन्होंने फीस के तौर पर स्कूल को 4.3 लाख का भुगतान किया।
यानी प्ले स्कूल में बच्चों की पढ़ाई 1 साल में ₹4 लाख खर्च हुए
परेशान अभिभावक ने सोशल मीडिया पर अपनी पीड़ा शेयर करते हुए कहा कि छोटे से बेटे की पढ़ाई पर खर्च उनकी पूरी स्कूली शिक्षा से ज्यादा है यानी प्ले स्कूल में बच्चों की पढ़ाई 1 साल में ₹4 लाख खर्च हुए उससे कम रकम में पिता की पूरी स्कूल पढ़ाई हो गई। आकाश कुमार नाम के X यूजर्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक तस्वीर शेयर की जिसमें स्कूल का रजिस्ट्रेशन चार्ज और एनुअल फीस के अलावा अन्य फीस का बैकअप दिया गया।
इस फीस बैकअप के अनुसार ,स्कूलों ने रजिस्ट्रेशन शुल्क₹10000 से ₹25000 का वार्षिक शुल्क चार तिमाही अवधि के लिए 98 ,750 फीस का भुगतान करने के लिए कहा गया। फीस की कुल राशि 4.3 लाख रुपए रही। आकाश कुमार ने तंज करते हुए कहा कि ,मुझे उम्मीद है की इतनी फीस देने के बाद मेरा बेटा प्ले स्कूल में अच्छे से गेम खेलना सीख सकेगा।
स्कूलों में बच्चों को इसके शिक्षा कितनी अलग है
आकाश कुमार की पोस्ट पर हजारो लोगो ने रिएक्शन दिया। हजारों लोगों ने इतने महंगे संस्थानों में प्रवेश लेने के पीछे के तर्क पर सवाल उठाया । एक यूजर ने लिखा क्यों डालना है ऐसे स्कूलों में बच्चों को इसके शिक्षा कितनी अलग है क्या फीस किसी अच्छी शिक्षा और पालन पोषण की गारंटी देता है। यदि नहीं तो क्या आप सिर्फ सुविधाओं के भुगतान के लिए कर रहे हैं । एक यूजर का सवाल यह है की माता-पिता ऐसे स्कूलों को क्यों चुनते हैं ।
वह 12 कक्षा में पहुंचेगा तो यह राशि प्रतिवर्ष नो लाख रुपए तक पहुंच सकती है
हालांकि यह मामला पहला नहीं है जब किसी व्यक्ति को अपने बच्चों की शिक्षा के लिए इतनी बड़ी खर्च रकम खर्च करनी पड़ती है। गुड़गांव के एक व्यक्ति ने हाल में बताया था कि वह अपने क्लास तीन में अपने बेटे की फीस की तौर पर हर महीने ₹30000 का भुगतान कर रहा है। उसने अनुमान लगाया कि जब वह 12 कक्षा में पहुंचेगा तो यह राशि प्रतिवर्ष नो लाख रुपए तक पहुंच सकती है।