बढ़ती ऊर्जा की जरूरत है और बढ़ते बिल के बिजली बिल के कारण सोलर का इलाज सोलर एनर्जी का इस्तेमाल करके सूर्य से प्राप्त का ऊर्जा का लाभ उठा रहे है। आज आप एक सोलर पैनल लगाकर सोलर सिस्टम बनाकर अपने बिजली के बिल को कम कर सकते हो। लंबे समय तक बिजली का लाभ भी उठा सकते हैं। इसके अलावा सोलर पैनल कार्बन फुटप्रिंट को काम करके पर्यावरण संरक्षण में भूमिका निभाते हैं। आज के समय में आवासीय भवनों ,वणिज्यिकी क्षेत्र और कृषि क्षेत्र में सोलर पैनल का इस्तेमाल काफी बढ़ रहा है।
सोलर एनर्जी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए सरकार नागरिकों को सब्सिडी दे रही है। लेकिन सोलर सिस्टम में शुरुआती निवेश ज्यादा लग सकता है और उपभोक्ता के केंद्र और राज्य योजनाओं द्वारा दी जाने वाले सरकारी सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं। आज हम बात करेंगे कैसे आप भी एक सोलर सिस्टम को अपने घर पर स्थापित कर सकते और कैसे आप बिना किसी की मदद से खुद ही सोलर पैनल लगा सकते हैं। यहां जानते हैं।
सोलर पैनल को तीन प्रकार से लगाया जा सकता है।
ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम
इस प्रकार के सोलर सिस्टम में सोलर पैनल द्वारा पैदा की गई ग्रिड के साथ शेयर किया जाता है। नेट मीटर का उपयोग शेयर की बिजली की इकाइयों की गणना करने के लिए किया जाता है। इस सिस्टम में किसी बैटरी का उपयोग नहीं किया जाता और बिजली का उपयोग इलेक्ट्रिक ग्रिड पर निर्भर करता है। इस प्रकार का सोलर सिस्टम न्यूनतम बिजली की कटौती वाले इलाके के लिए बढ़िया है। ‘
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ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम
इस सिस्टम में सोलर पैनल द्वारा पैदा की गई बिजली को बैटरी में संग्रहित किया जाता है। पैनल द्वारा उत्पादित एनर्जी DC फार्म में होती है। जिसे संग्रहित किया जा सकते हैं और बाद में सोलर इनवर्टर का उपयोग करकेAC में परिवर्तित किया जा सकता है। यह सिस्टम अक्सर बिजली कटौती वाले क्षेत्र के लिए बढ़िया है।
हाइब्रिड सोलर सिस्टम
यह एक उन्नत सोलर सिस्टम है जिसकी मदद से आप ग्रिड के साथ बिजली शेयर करने और बैटरी में उर्जा संग्रहित करने दोनों का लाभ उठा सकते हैं या वोल्टेज के मामले में बैकअप पावर प्रदान करता है जिससे यह अलग-अलग आवश्यकताओं के लिए बहुमुखी बन जाता है।
सोलर सिस्टम क्षमता को कैसे समझे
सोलर सिस्टम लगाने से पहले अपने घर या प्रतिष्ठान की बिजली लोड को जानना जरूरी है। इसे आपके बिजली बिल या मीटर रीडिंग का उपयोग करके निर्धारित किया जा सकता है। एक बार जब आप दैनिक औसत खबर जान लेते हैं तो आप उपयुक्त सोलर सिस्टम का चयन कर सकते हैं। उदाहरण के लिए अगर आपका घर प्रतिदिन लगभग 8 से 10 यूनिट बिजली पर का उपयोग करता है तो 2 किलो वाट का सोलर सिस्टम उपयुक्त होगा। सिस्टम में सोलर पैनल एक इनवर्टर और बैटरी शामिल होंगे।
अगर आप खुद सोलर सिस्टम घर में स्थापित करने की योजना बना रहे हैं तो आपको नुकसान से बचने के लिए सभी उपकरणों को सावधानी से संभालना होगा। लेकिन उचित स्थापना के लिए आप किसी विशेषज्ञ तकनीशियन से उनको नियुक्त करें। अगर आप इसे स्वयं स्थापित करना चुनते हैं तो आपका सोलर पैनल को इनवर्टर और बैटरी से जोड़ने के लिए 6 mm और 10 mm के तारों की आवश्यकता होगी सुनिश्चित करे की बिजली की हानि से बचने के लिए तार बहुत लम्बा ना हो।
सोलर पैनल को तेज हवाओं या तूफानों से बचाने के लिए उन्हें स्टैंड या फ्रेम पर सेट करें। सुरक्षा के लिए तारों को फिटिंग पाइप में सुरक्षित करें। सोलर पैनल से तार को कनेक्टर से कनेक्ट करें और इसे बैटरी से लिंक करें। फिर इन्वर्टर को बैटरी से कनेक्ट करें और तारों को अपने घर के इलेक्ट्रिक बोर्ड से जोड़ दें। सुनिश्चित करें कि आप नुकसान या चोट से बचने के लिए इन कनेक्शनों को बनाते समय सभी सुरक्षा निर्देशों का पालन करें।